Assembly Elections जहां चुनाव, वहां ज्यादा महंगाई
- स्थिति दिखा रहा रिजर्व बैंक का डाटा
- कुछ चुनावी राज्यों में महंगाई की दर राष्ट्रीय औसत से भी अधिक
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Assembly Elections : महंगाई ऐसा मुद्दा है जिससे राजनीतिक दल खासकर सत्तारूढ़ दल खौफ खाते हैं। अगर किसी चुनावी राज्य में महंगाई के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया तो फिर सत्तारूढ़ दल का जाना तय है।
यही वजह है कि चुनावों में खासकर विपक्षी दलों की कोशिश महंगाई डायन का मुद्दा उछालने की होती है। देश में कुछ दिनों में 5 राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं और इनमें से कुछ राज्यों में महंगाई की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
आरबीआई के आंकड़ों पर नजर डालें तो उत्तराखंड में 4 साल (वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक) महंगाई की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक रही। वर्ष 2020-21 में राज्य में सीपीआई महंगाई की दर 8.1% थी, जबकि राष्ट्रीय औसत 6.2% था। वर्ष 2019-20 में इस पहाड़ी राज्य में महंगाई की दर 5.9% थी, जबकि उस समय राष्ट्रीय औसत 4.8% रहा था।
पंजाब का हाल (Assembly Elections)
पंजाब में 5 साल में से 3 साल महंगाई की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक रही। वर्ष 2019-20 में पंजाब में महंगाई की दर 5% रही, जबकि नैशनल एवरेज 4.8% था।
वर्ष 2018-19 में राज्य में महंगाई की दर 3.8% रही, जबकि इस दौरान राष्ट्रीय औसत 3.4% रहा। वर्ष 2017-18 में राज्य में महंगाई की दर 3.7% रही, जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 3.6% था।
मणिपुर की स्थिति (Assembly Elections)
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पूरे 5 साल महंगाई राष्ट्रीय औसत से अधिक रही। वर्ष 2016-17 में 10.1%, वर्ष 2017-18 में 12.4%, वर्ष 2018-19 में 8.7%, वर्ष 2019-20 में 6.9% और वर्ष 2020-21 में 6.7% रही।
जानकारों के अनुसार इन राज्यों में महंगाई के लिए मांग और आपूर्ति दोनों तरह के फैक्टर जिम्मेदार हो सकते हैं। इन राज्यों में हेल्थकेयर की सुविधाएं अच्छी नहीं हैं। यह भी इसका एक कारण हो सकता है।
स्वास्थ्य पर खर्च (Assembly Elections)
शिक्षा पर खर्च की बात की जाए तो 5 चुनावी राज्यों में से उत्तर प्रदेश और पंजाब राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं। पंजाब हेल्थ और डेवलपमेंट पर खर्च के मामले में भी राष्ट्रीय औसत से नीचे रहा।
कुल खर्च में शिक्षा पर खर्च के अनुपात के मामले में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक गिरावट रही। वर्ष 2016-17 में यह 16.7% था जोकि वर्ष 2021-22 में गिरकर 12.5% रह गया।
वर्ष 2021-22 के बजट अनुमानों के मुताबिक राष्ट्रीय औसत 13.9% था। इस दौरान पंजाब की स्थिति में सुधार आया लेकिन वह राष्ट्रीय औसत से नीचे रहा।
पंजाब ने वर्ष 2016-17 ने अपने कुल खर्च का 8.6% शिक्षा पर खर्च किया, जोकि वर्ष 2021-22 में बढ़कर 10% हो गया।
इन 5 राज्यों में केवल उत्तराखंड (17.3%) ने ही राष्ट्रीय औसत से अधिक खर्च किया। मणिपुर ने कुल खर्च का 10.7% और गोवा ने 13.1% शिक्षा पर खर्च किया।
किस राज्य का कितना खर्च (Assembly Elections)
कुल खर्च के मुकाबले स्वास्थ्य पर खर्च के मामले में पंजाब और मणिपुर फिसड्डी रहे। इन राज्यों ने अपने कुल खर्च का क्रमश: 3.4% और 4.2% स्वास्थ्य पर खर्च किया, जबकि राष्ट्रीय औसत 5.5% रहा।
गोवा ने 6.8%, उत्तराखंड ने 6.1% और उत्तर प्रदेश ने 5.9% हिस्सा स्वास्थ्य पर खर्च किया। वर्ष 2016-17 से वर्ष 2021-22 के दौरान मणिपुर को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में स्वास्थ्य पर खर्च में सुधार आया। Assembly Elections
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