इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Balanced Advantage Fund : मौजूदा दौर में म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए कई स्कीम हैं जिनमें से एक बैलेंस्ड फंड्स है। आजकल बैलेंस्ड एडवांटेज फंड चर्चा में है। दरअसल बैलेंस्ड एडवांटेज फंड एक तरह का हाइब्रिड म्यूचुअल फंड होता है जो डेट और इक्विटी स्कीम दोनों में निवेश कर सकता है।
शेयर मार्केट में जब भी बड़ा उछाल आता है तो इसके बाद करेक्शन की बातें होने लगती हैं। ऐसे ही अस्थिर दौर में बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश को लेकर चर्चा तेज हो जाती है।
इन स्कीमों के पोर्टफोलियो में इक्विटी वाला हिस्सा आमतौर पर 30 से 80 फीसदी के बीच होता है। कुछ फंड इस सीमा से भी ज्यादा पैसा इक्विटी यानी शेयरों में लगाते हैं।
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड को डायनेमिक इक्विटी एसेट एलोकेशन फंड भी कहा जाता है। बैलेंस्ड एडवांटेज फंड 5 और 7 सालों में बेहतर रिटर्न देते हैं।
5 साल में इस फंड ने औसतन 7.7 और 7 साल में लगभग 11.3% का रिटर्न दिया है इसलिए यदि आपको शेयर बाजार की जोखिम से बचना है और औसत रिटर्न चाहिए तो म्यूचुअल फंड के बैलेंस्ड एडवांटेज फंड को चुन सकते हैं।
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड की कोशिश रहती है कि वह 65 फीसदी इक्विटी एक्सपोजर को मेंटेन रखे। इन पर इक्विटी फंड्स के तौर पर टैक्स देनदारी होती है। यह टैक्स दर 15 फीसदी होती है।
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स संयुक्त रूप से स्टाक्स और बांड्स में निवेश करते हैं। इक्विटी और डेट, दोनों में एक साथ निवेश की सुविधा मिलती है। इन पर टैक्स, नान-टैक्स सेविंग फंड के समान लगता है।
फंड का उद्देश्य निवेश में संतुलन बनाए रखना है। पोर्टफोलियो में विविधता के लिए यह अच्छा विकल्प है जो लंबी अवधि में लाभदायक है।
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड डेट संसाधन में फिक्स्ड इंकम, सरकारी सिक्योरिटीज, सरकारी कंपनियों और निजी कंपनियों में निवेश करते हैं जिससे संभावित रूप से पूंजी में बढ़त होती है।
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड फ्यूचर और आप्शन जैसे डेरिवेटिव का इस्तेमाल करते हैं ताकि अनहेज्ड इक्विटी एक्सपोजर को घटाया जा सके।
यदि आप चाहते हैं कि आपके निवेश पर कम जोखिम हो और आपको औसत दर्जे का रिटर्न मिलता रहे तो आप म्यूचुअल फंड के बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (बैफ) का रास्ता चुन सकते हैं क्योंकि म्यूचुअल फंड की यह कैटेगरी आपके निवेश को बैलेंस रखती है। इसके लिए इक्विटी और डेट दोनों में आपके पैसे को निवेश करती है।
डेट और इक्विटी में निवेश को रखती है बैलेंस (Balanced Advantage Fund)
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड के पोर्टफोलियो में मुख्य रूप से इक्विटीज में निवेश करते हैं क्योंकि ये डेरिवेटिव का इस्तेमाल कर पोर्टफोलियो में नीचे की ओर के जोखिम को कम करते हैं।
इस तरह के फंड का अलोकेशन लार्ज कैप में 87.6% होता है। म्यूचुअल फंड की बैलेंस एडवांटेज स्कीम डेट और इक्विटी में निवेश को बैलेंस रखती है जिससे ये फंड 5 और 7 सालों में भी बेहतर रिटर्न देते हैं। 10 सालों में तो यह 10 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न देते हैं।
कम जोखिम के साथ बेहतर आय (Balanced Advantage Fund)
बैलेंस्ड फंड मीडियम टर्म के लक्ष्यों के लिए बेहतर है। यह कम जोखिम के साथ बेहतर आय देने वाला है। इसमें इक्विटी की भी हिस्सेदारी है।
यह लंबी अवधि के निवेश के लिए बेहतर है। इससे वेल्थ क्रिएशन में मदद मिलेगी। ऐसे फंड्स उतार-चढ़ाव के दौरान भी स्थिरता बनाए रखते हैं।
4 तरह के होते हैं बैलेंस्ड फंड्स (Balanced Advantage Fund)
बैलेंस्ड फंड्स 4 प्रकारों में पहला डेट है। यह कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड और बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड में विभक्त होता है। दूसरा इक्विटी है। यह एग्रेसिव हाइब्रिड फंड, डाइनैमिक असेट अलोकेशन और बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में बंटा होता है।
तीसरा मल्टी असेट अलोकेशन। इसमें अलग-अलग असेट क्लास में निवेश करते हैं। इसमें कैश, इक्विटी और बांड्स शामिल होते हैं। पोर्टफोलियो का ग्रुप, असेट अलोकेशन के लिए यह सही है। चौथा आर्बिट्राज लिंक्ड फंड।
यह आर्बिट्राज फंड और इक्विटी सेविंग्स में विभाजित होता है। जहां तक आर्बिट्राज फंड की बात है तो यह म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम की कैटेगरी में आता है जिसमें फंड का 65 प्रतिशत हिस्सा ही शेयरों में लगाया जाता है।
जहां तक इक्विटी सेविंग्स की बात है तो इक्विटी म्यूचुअल फंड में नया वेरिएंट है। इक्विटी सेविंग्स का फिक्स्डस सिक्योरिटीज में निवेश होता है। आर्बिट्राज ट्रेड्स, इक्विटी से रिटर्न जनरेट करते हैं। इक्विटी सेविंग्स डेरिवेटिव स्ट्रेटजी का इस्तेमाल करते हैं।
लगातार निवेश में हो रही है बढ़ोतरी (Balanced Advantage Fund)
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड कैटेगरी में कुल 24 स्कीम चल रही हैं और मौजूदा समय में फोलियो की संख्या 34 लाख के आस-पास है। इस कैटेगरी का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी एयूएम करीब 1.41 लाख करोड़ है।
बता दें कि जनवरी 2021 के बाद से बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में हर महीने निवेश में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है। यही वजह है कि कैलेंडर वर्ष 2021 में 12,949 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश इस कैटेगरी में आया है। ऐसा इसलिए कि यह इक्विटी और डेट का एक मिश्रण है जिसमें निवेश गतिशील होता है।
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