इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Ban on Crypto Currency is not Possible : लोकसभा के बुलेटिन में क्रिप्टो करंसी पर बैन की खबर आने के बाद से क्रिप्टो मार्केट में उथल-पुथल मच गई। यह बुलेटिन 23 नवंबर को लोकसभा की तरफ से जारी हुआ था।
बुलेटिन में यह बात सामने आई है कि संसद के आने वाले सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कानून ला सकती है। वहीं यह भी बात निकल कर सामने आ रही है कि सरकार क्रिप्टो करेंसी को काबू में लाने के लिए कानून बना सकती है।
सरकार के ऐसा बुलेटिन जारी करने के बाद भारत में मौजूद करीब 10 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स पैनिक में आ गए। जिसके बाद से ही क्रिप्टो मार्केट गिरने लगा। वहीं बिटकॉइन में 17% तक की गिरावट आई।
आखिर क्रिप्टोकरेंसी होती क्या है? (Ban on Crypto Currency is not Possible)
क्रिप्टो करेंसी डॉलर, रुपए की तरह ही एक करेंसी है। जिसका प्रयोग लेने देन में किया जा सकता है। हालांकि अन्य करेंसी के मुकाबले फर्क यह है कि आप क्रिप्टो को जेब में नहीं रख सकते।
ये डिजिटल है। यह करेंसी पूरी तरह से क्रिप्टोग्राफी के सिद्धांत पर आधारित ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से बनी है।
प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी (Ban on Crypto Currency is not Possible)
प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन की जानकारी सार्वजनिक नहीं होती। करेंसी को लेकर क्या चल रहा है आप कुछ पता नहीं कर सकते। पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन की जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रहती है। इसलिए यह ज्यादा भरोसेमंद होती है।
संसद में पास होने वाले बिल में क्या आ सकता है (Ban on Crypto Currency is not Possible)
क्रिप्टो करेंसी की ही तरह रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया (आरबीआई) एक नई डिजिटल करेंसी जारी कर सकता है। वहीं यह भी हो सकता है कि सरकार प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी को पूरी तरह बैन कर दें।
ऐसे में यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार जनता के लिए कुछ नियम लेकर आ सकती है। सरकार क्रिप्टो को रेगुलेट कर उस पर टैक्स भी लगा सकती है।
ऐसे में आप क्रिप्टो करेंसी को आप कब खरीदते या बेचते हैं उस हिसाब से टैक्स लगाया जा सकता है। क्रिप्टो करेंसी के लिए सरकार अपना वॉलेट ला सकती है जो आरबीआई जारी करेगा।
इसके जरिये क्रिप्टोकरेंसी को खरीदा और बेचा जा सकता है। इस वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी का सारा रिकॉर्ड मेनटेन रहेगा।
क्या सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर सकती है (Ban on Crypto Currency is not Possible)
इंटरनेट असीमित है। इसकी कोई सीमा नहीं है। इंटरनेट की मदद से कोई किसी सर्वर पर क्या कर रहा है उस पर कंट्रोल करना मुश्किल है। भारत की सरकार का कंट्रोल अपने देश तक ही है।
क्रिप्टो इन्क्रिप्टेड फॉर्म में होती है और इसकी इंटरनेशनल मार्केट में बहुत ज्यादा वैल्यू है। सरकार चाहकर भी इसे पूरी तरह से बैन नहीं कर सकती है। अगर गवर्नमेंट चाहकर भी इस पर बैन लगा दे तो लोग अलग-अलग तरीकों से इसकी ट्रेडिंग कर सकते हैं।
क्रिप्टो की एक खासियत ये भी है कि इस पर न किसी सरकार न बैंक और न ही किसी एक व्यक्ति का कंट्रोल होता है। ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज हैं, जो भारत में रजिस्टर्ड ही नहीं है।
कैसे बनती है क्रिप्टोकरेंसी? (Ban on Crypto Currency is not Possible)
क्रिप्टो करेंसी को बनाने के लिए वर्चुअल माइनिंग की जरूरत पड़ती है। इस प्रक्रिया में क्रिप्टोकरेंसी पाने के लिए एक बेहद जटिल डिजिटल पहेली को हल करना पड़ता है।
इसक ेलिए प्रोग्रामिंग कोड और बहुत ज्यादा कंप्यूटिंग पावर की जरूरत पड़ती है। क्रिप्टो करेंसी में रिस्क की बात करें तो क्रिप्टो पर किसी का कंट्रोल नहीं है। Ban on Crypto Currency is not Possible
ऐसे में यह करेंसी डॉलर, रुपए, येन, पाउंड की तरह सिक्योर नहीं है। यह पूरी तरह से डीसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है। कोई भी सरकार या कंपनी इस पर नियंत्रण नहीं कर सकती। इसी वजह से ये रिस्की भी है।
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