इंडिया न्यूज, नयी दिल्ली:
bank strike: आने वाले समय में केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं। जानकारी मिल रही है कि फरवरी माह में बैंक हड़ताल पर जाने वाले हैं। उनके इस काम में किसान मोर्चे के मदद करने के कयास भी लगाए जा रहे हैं। केंद्र ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के एक साल के आंदोलन के बाद किसानों की मांगें मान ली। अब ट्रेड यूनियनों ने सरकार को नए सिरे से घेरने की तैयारी कर ली है।
बजट सत्र का ही चुनाव क्यों? bank strike
केंद्र सरकार पर दबाव बनाने और कई मांगों को मनाने के लिए ट्रेड यूनियनों ने बजट सत्र के दौरान बैंक हड़ताल का ऐलान कर दिया है। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने कहा है कि 23 और 24 फरवरी 2022 को वे देश भर के बैंकों में कामकाज बंद करेंगे। बैंक हड़ताल का आह्वान केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ-साथ क्षेत्रीय अखिल भारतीय संघ और संघों के संयुक्त मंच ने किया है। बैंक हड़ताल पर अंतिम निर्णय नवंबर में नयी दिल्ली में हुई ट्रेड यूनियनों के नेशनल कन्वेंशन आॅफ वर्कर्स के कन्वेशन में लिया गया था।
23-23 को दो दिवसीय हड़ताल bank strike
ट्रेड यूनियनों का कहना है कि वे लोग लेबर कोड और ईडीएस को खत्म करने के सरकार के फैसले के विरोध में उन्होंने बंद का आह्वान किया है। उनके एजेंडा में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की 6 सूत्री मांगें भी शामिल हैं। यूनियनों की मांग है कि ऐसे परिवारों को खाद्य एवं आर्थिक सहायता दी जाये, जो आयकर का भुगतान नहीं करते। इनका कहना है कि ऐसे लोगों को 7,500 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। साथ ही इन्होंने महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) योजना के विस्तार की भी मांग की है।
निजीकरण का विरोध करेगी यूनियन bank strike
ट्रेड यूनियनों का कहना है कि वे किसी भी सरकारी कंपनी या संपत्ति के निजीकरण के खिलाफ हैं और उसका विरोध करेंगे। ट्रेड यूनियनों ने कहा है कि पेट्रोलियम उत्पाद में की गयी कटौती पर्याप्त नहीं है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से महंगाई बढ़ी है। इसलिए सरकार को पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने के लिए और कदम उठाने चाहिए।
महंगाई कम करे सरकार
देश में महंगाई कम करने के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग ट्रेड यूनियनों ने की है। साथ ही कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त किये गये कर्मचारियों को नियमित करने, योजना कर्मियों को समान काम के बदले समान वेतन देने की मांग की गयी है। नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) को रद्द करके पुरानी पेंशन स्कीम को ही बहाल करने की ट्रेड यूनियनों की मांग है।
ये यूनियनें शामिल होंगी हड़ताल में bank strike
इस हड़ताल में इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एक्टू, एलपीएफ, यूटीयूसी और स्वतंत्र क्षेत्रीय संघ जैसे यूनियन शामिल होंगे। यूनाइटेड फोरम आॅफ बैंक यूनिनयंस ने कहा है कि बैंकों के दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को संयुक्त मंच ने अपना समर्थन दिया है। वर्ष 2022 की शुरूआत में ही देश के पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने भारतीय जनता पार्टी को चुनावों में हराने का बीड़ा उठा रखा है।
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