भारत के प्रमुख एग्रोकेमिकल्स निर्माता, ने 15-20% मार्केट हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अपने मीडियम से लॉन्ग टर्म टारगेट की घोषणा की है। कंपनी ‘ब्राउन फील्ड’ और ‘ग्रीन फील्ड’ कैपेक्स प्लान के जरिए अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को भी बढ़ा रही है।
इसके अलावा, कंपनी फॉर्मूलेशन बिजनेस और बी2सी सेगमेंट की हिस्सेदारी बढ़ाकर रेवेन्यू में 25-30 फीसदी ग्रोथ की भी उम्मीद कर रही है। यह इक्विटी पर बेहतर रिटर्न की पेशकश करते हुए स्वस्थ एबिटडा डिलीवरी में निरंतरता भी सुनिश्चित करेगा। इसके अतिरिक्त, कंपनी वित्त वर्ष 23-24 में इंटरनेशनल मार्किट में अपनी पैठ बना रही है ताकि अपनी डोमेस्टिक सक्सेस की कहानी को चुनिंदा पेशकशों के साथ दोहराया जा सके, जिससे स्थायी और स्वस्थ लाभ मार्जिन सुनिश्चित हो सके।
“बेस्ट एग्रोलाइफ अपने नेतृत्व की स्थिति को बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इन्वेस्टमेंट प्लान का उद्देश्य कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता डेवेलप करना, मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में बैकवर्ड इंटीग्रेशन बनाना और सकल मार्जिन और कार्यशील पूंजी प्रबंधन में सुधार करना है। इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ, हमारा मानना है कि ‘मेक इन इंडिया’ और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) जैसी योजनाएं घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देंगी, जिससे क्षेत्र और कंपनी की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। हम विदेशी बाजारों में भी अपनी पैठ बढ़ा रहे हैं।’
कंपनी एक्सपोर्ट रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को सरल बनाने, व्यापार बाधाओं को कम करने और निर्यात के माध्यम से राजस्व सृजन बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय व्यापार समझौतों पर ध्यान केंद्रित करने के दीर्घकालिक लाभों के बारे में भी आशावादी है।