इंडिया न्यूज,नई दिल्ली।
Cryptocurrency Price: एक समय था जब निवेशक दिल खोल कर क्रिप्टोकरेंसी की बिटक्वाइन में निवेश कर रहे थे। हालांकि अब समय बदल गया है कि और निवेशक बिटक्वाइन में निवेश करने से बच रह हैं, यहां तक जिन निवेशकों ने पहले से डिजिटल करेंसी पर निवेश किया है, अब वहां अपने निवेश निकाल रहे हैं। विश्व की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन में पिछले नवंबर माह से गिरावट का दौर जो जारी है, वह नए साल के शुरु होने के बाद भी खत्म नहीं हुआ है।
पिछले साल नवंबर 2021 में बिटक्वाइन 68 हजार के रिकॉर्ड लेवल (50.61 लाख रुपये) के पार पहुंच गया थी। हालांकि उसके बाद इसमें गिरावट का दौरा जारी हुआ और अब तक यह दौरा जारी है। मौजूदा समय में इसका मार्केट कैप 60 हजार करोड़ डॉलर से कम हो गई है। अगर भारतीय मुद्रा की बात करें तो यह 44.65 लाख करोड़ रुपये से कम हो गया है।
शुक्रवार को 12 फीसदी से अधिक गिरे भाव (Cryptocurrency Price)
कल यानी शुक्रवार को बिटक्वाइन के भाव में 12 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल जुलाई के बाद से इसके भाव निचले स्तर पर गिर गए हैं। इसके भाव 36 हजार डॉलर (26.79 लाख रुपये) के नीचे लुढ़क गए हैं. नवंबर के रिकॉर्ड भाव से बिटक्वाइन इस समय 45 फीसदी डिस्काउंट पर है. बिटक्वाइन के अलावा ईथर और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भी गिरावट दिख रही है।
फेड की नीतियों से डुबके 74 लाख करोड़ रुपए (Cryptocurrency Price)
बिटक्वाइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में गिरावट का असर फेडरल रिजर्व की नीतियों की वजह से हो रहा है। फेडरल रिजर्व इस साल बाजार से एक्सेस लिक्विडिटी कम करने के लिए बॉन्डों की खरीदारी कम करने के साथ वह ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का अनुमान लगाया जा रहा है, जिसकी वजह से बाजार पर दबाव हो रहा है। फेड की नीतियों का असर न सिर्फ बिटक्वाइन बल्कि पूरे क्रिप्टो मार्केट पर दिख रहा है और मार्केट वैल्यू में 1 लाख करोड़ डॉलर (74.42 लाख करोड़ रुपये) से अधिक की गिरावट आ गई।
वर्तमान यह भाव है क्रिप्टोकरेंसी का (Cryptocurrency Price)
क्वाइनडेस्क की वेबसाइट पर दिए गए भाव के मुताबिक बिटक्वाइन 10 फीसदी की गिरावट के साथ अब 26 लाख रुपये के भाव पर मिल रहा है। इसके अलावा अन्य क्रिप्टो करेंसी इथेरम 15.51 फीसदी की गिरावट के साथ 1.79 लाख रुपये और डॉजक्वाइन 17.86 फीसदी की गिरावट के साथ 9.39 रुपये के भाव पर मिल रहा है।
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