Budget 2022
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए देश का बजट पेश किया है। इस बार देश का बजट बढ़कर 39.44 लाख करोड़ रुपये रखा गया है जिसमें सीतारमण ने कई सारे एलान किए हैं। इसके बावजूद देश के काफी सारे लोगों को लग रहा है कि ये बजट उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है।
हालांकि अभी बजट को लेकर काफी सारे विचार-विमर्श किए जाने बाकी हैं। लेकिन कोरोना की पहली, दूसरी और अब तीसरी लहर से जूझ रहे आम नागरिकों को बजट से राहत की बड़ी उम्मीद थी। कई सारी उम्मीदें लगभग सभी सेक्टर्स से थीं जो पूरी नहीं हो सकीं हैं।
आइए जानते हैं कि किन सेक्टर पर बजट उम्मीद से कम रहा है-
Food Subsidy 28 फीसदी घटी
बजट में फूड सब्सिडी (food subsidy) एलोकेशन पर भी 28 फीसदी कम प्रोविजन किया गया है। अगले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में इसके लिए 2.06 लाख करोड़ रखे गए हैं जबकि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में इसके लिए 2.86 लाख करोड़ रुपये (संसोधित) का प्रावधान किया गया है। खाद सब्सिडी के प्रोविजन में भी कमी आई है। खाद सब्सिडी का प्रोविजन 1.05 लाख करोड़ रुपये किया गया है। जबकि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में यह 1.4 लाख करोड़ रुपये है।
किसान उत्पादक संगठनों के लिए आवंटन राशि घटी
बजट में किसान उत्पादक संगठनों के लिए आवंटन बढ़ाने की बजाय सरकार ने इसे 700 करोड़ रुपये से घटाकर इस बार 500 करोड़ रुपये कर दिया। परंपरागत कृषि विकास योजना के लिए भी आवंटित राशि घटकर महज 100 करोड़ रुपये रह गई है जबकि चालू वित्त वर्ष के लिए इसमें 450 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे।
आर्थिक विशेषज्ञ के अनुसार महामारी के चलते सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को को मजबूती देने के लिए खपत बढ़ाने की जरूरत थी जिसमें यह बजट खरा उतरता दिखाई नहीं दे रहा है। बजट में ऐसा कुछ ऐलान नहीं किया गया है जिससे ग्रामीण बाजारों में वैश्विक महंगाई को कम किया जा सके।
घर से काम करने वाले कर्मचारियों को कुछ नहीं मिला
कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण 2 साल से कई कर्मचारियों को घर से काम करना पड़ रहा है। इस कारण उनका खर्चा बढ़ गया है जैसे कि electricity, internet, आफिस सेट-अप पर खर्च इत्यादि। इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटैंट्स आफ इंडिया ने प्री-बजट मेमोरेंडम में सरकार को सुझाव दिया था कि घर से काम करने वाले कर्मचारियों के लिए डिडक्शन बेनेफिट दिए जाएं लेकिन इस पर कोई ऐलान नहीं हुआ है।
ज्यूलरी पर नहीं कम हुई कस्टम ड्यूटी
बजट से उम्मीद थी कि सरकार गोल्ड (Gold) पर कस्टम ड्यूटी कम करेगी। यदि ऐसा होता तो ज्यूलरी इंडस्ट्री के साथ लोगों को भी राहत मिलती। हालांकि वित्त मंत्री ने पिछले बजट में गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी को 12.5 फीसदी से कम कर 7.5 फीसदी किया था। लेकिन इस बार भी उम्मीद थी कि इसे कम किया जाएगा।
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