इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
कैबिनेट ने 5 साल के लिए 1,600 करोड़ रुपए के बजट के साथ आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी है। यानि कि पूरे देश के लिए सालाना 320 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। नागरिक अपना आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता संख्या बना सकेंगे, जिससे उनके डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ा जा सकेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बताया गया है कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के माध्यम से प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिये गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक समान एवं सुगम पहुंच को सुदृढ़ बनाया जा सकेगा। इसके तहत देश के लोग अपनी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता संख्या सृजित कर सकेंगे जिससे डिजिटल स्वास्थ्य रिकार्ड को जोड़ा जा सकेगा।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की पायलट परियोजना छह केंद्र शासित राज्यों लद्दाख, चंडीगढ़, दादरा एवं नगर हवेली, दमन दीव, पुदुचेरी, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह तथा लक्षद्वीप में पूरा किया गया था। गौरतलब है कि यह योजना सितंबर 2021 में देश के कुछ हिस्सों में शुरू की गई थी। योजना के तहत, देश के सभी नागरिकों को हेल्थ आईडी बनवाने की सुविधा दी जाएगी और इसके जरिए आपकी स्वास्थ्य संबंधी पूरी जानकारी डिजिटल हो जाएगी।
इससे पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से जोड़ा और देखा जा सकता है। यह डेटाबेस डॉक्टरों/अस्पतालों और हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए बिजनेस को आसान बनाया जाएगा। मिशन का मुख्य उद्देश्य कम आय वाली आबादी तक गैर-सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना है। ABDM से देश के दूर-दराज वाले इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से पहुंच सकेंगी। यह योजना जन धन, आधार और मोबाइल (JAM) और सरकार की अन्य डिजिटल पहलों पर बेस्ड होगी। इसकी घोषणा सबसे पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में की थी।
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