Friday, December 27, 2024
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क्या LIC IPO में फिर हो सकती है देरी, जानिए वित्त मंत्री ने ऐसा क्यों कहा

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LIC IPO
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

LIC IPO को लेकर बड़ा अपडेट आया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने एक इंटरव्यू के दौरान ये संकेत दिए हैं कि तेजी से बदलते अंतरराष्ट्रीय हालात की वजह से ऐसी नौबत आई तो सरकार एलआईसी के आईपीओ की टाइमलाइन पर फिर से विचार कर सकती है।

दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia Ukraine War) का असर न कच्चे तेल के साथ साथ अन्य व्यापारिक संस्थानों पर भी पड़ रहा है। दोनों देशों के बीच युद्ध का आज 7वां दिन है। माना जा रहा है कि दोनों देश किसी भी स्थिति में पीछे हटने को तैयार नहीं है। हालांकि युद्ध में यूक्रेन का सबसे ज्यादा नुक्सान हो रहा है। बावजूद इसके यूक्रेन के सैनिकों में जोश है। जैसे जैसे इस युद्ध के दिन बढ़ते जा रहे हैं, भारत पर भी इसका असर पड़ रहा है।

इसी के मद्देनजर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा है कि वैसे तो मैं इस आईपीओ के मामले में पहले से तय कार्यक्रम के हिसाब से ही आगे बढ़ना चाहूंगी, क्योंकि इसके लिए हमने भारतीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए काफी पहले से तैयारी की हुई है लेकिन अगर अंतरराष्ट्रीय हालात को ध्यान में रखते हुए जरूरत पड़ी तो मैं इस पर फिर से विचार करने के लिए भी तैयार हूं।

इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) से पूछा गया कि क्या एलआईसी का आईपीओ लाने में देरी का असर सरकार के सालाना विनिवेश लक्ष्य पर नहीं पड़ेगा तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अगर प्राइवेट सेक्टर के किसी प्रमोटर को इस तरह का फैसला करना हो तो उसे सिर्फ अपनी कंपनी के बोर्ड को ही सफाई देनी होती है लेकिन मुझे इस बारे में सारी दुनिया को स्पष्टीकरण देना पड़ेगा।

LIC IPO की अभी मार्च की डेडलाइन है तय

जानकारी के मुताबिक सरकार रूस-यूक्रेन के बीच बढ़ती लड़ाई के चलते आईपीओ की टाइमिंग को लेकर चर्चा कर रही है। अगर सरकार ने हालात पर फिर से विचार किया तो एलआईसी आईपीओ की टाइमलाइन बदल सकती है। पहले सरकार ने इसके लिए मार्च की डेडलाइन तय की थी।

इसी हिसाब से आईपीओ के दस्तावेज भी 13 फरवरी को जमा किए जा चुके हैं, जिनमें एलआईसी की एंबेडेड वैल्यू 5 लाख 40 हजार करोड़ रुपये आंकी गई थी। मोदी सरकार ने 31 मार्च 2022 को खत्म होने वाले वित्त वर्ष के दौरान अपने बजट घाटे को पूरा करने के लिए सरकारी असेट्स को बेचने की जो योजना बनाई है, उसका सबसे बड़ा हिस्सा एलआईसी के आईपीओ से ही आना है।

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