Celine Water Lantern
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को भारत की पहली सेलाइन वाटर लालटेन का शुभारम्भ किया। केंद्रीय मंत्री सिंह नेतटीय अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), चेन्नई द्वारा संचालित और उपयोग किए जाने वाले एक तटीय अनुसंधान पोत सागर अन्वेषिका के भ्रमण के दौरान ”रोशनी” नाम के लानटेन का अनावरण किया। एलईडी लैंप को रोशन करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए इलेक्ट्रोड्स के बीच इलेक्ट्रोलाइट के रूप में समुद्र के पानी का उपयोग करता है।
सेलाइन वाटर लालटेन लोगों के जीवन में लाएगी सुगमता
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सेलाइन वाटर लालटेन से गरीब,वंचित लोगों के साथ भारत की 7,500 किमी बी तटीय रेखा से सटे इलाकों में रहने वाले मछुआरा समुदाय के जीवन में सुगमता लाने का काम करेगी। सेलाइन वाटर लालटेन से 2015 में देश भर में एलईडी बल्बों के वितरण के लिए शुरू हुई है। इससे केंद्र सरकार की उज्जवला योजना को प्रोत्साहन मिलेगा। सिंह ने कहा कि इस प्रौद्योगिकी को दूरदराज के क्षेत्रों में भी उपयोग किया जा सकता है, जहां समुद्र का पानी उपलब्ध नहीं है,क्योंकि किसी भी खारे पानी या सामान्य नमक के साथ मिश्रित पानी को लालटेन को रोशन करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी शुरुआत से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के साथ ही आपदा के दौर में पर्याप्त मदद मिल सकती है।
एलटीटीडी तकनीक प्रगाति की समीक्षा
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने एनआईओटी द्वारा समुद्री पानी को पीने योग्य बनाने के लिए विकसित की गई लो टेम्प्रेचर थर्मल डिसैलिनेशन (एलटीटीडी) तकनीक की प्रगति की समीक्षा भी की। इसका लक्षद्वीप आइलैंड्स में सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि केंद्र शासित क्षेत्र लक्षद्वीप के कावारत्ती, अगाती और मिनीकॉय द्वीपों में एलटीटडी प्रौद्योगिकी पर आधारित तीन डिसैलिनेशन संयंत्रों को विकसित किया जा चुका है। इन इन एलटीटीडी संयंत्रों में से हर दिन एक लाख लीटर समुद्र पानी को पयेजल के योग बनाना जा रहा है।
जहाज पर फहराया तिरंगा
डॉ. जितेंद्र सिंह ने एमओईएस सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन के साथ प्रयोगशालाओं का दौरान किया। साथ ही, जहाज पर राष्ट्रीय ध्वज भी फहरायाा। इस दौरान सिंह ने जहाज पर मौजूद एनआईओटी के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ मुलाकात की और डीप ओसीन मिशन ऑफ इंडिया के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा की।
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