Central Government Employment
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। 2014 से जब से केंद्र की सत्ता में भाजपा की सरकार आई है, तभी से उसके ऊपर रोजगार देने का दबाव बना हुआ है। 2014 के लोकसभा चुनाव की जनासभा और चुनावी रैलियों में उस समय के भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद उम्मीदावर व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पार्टी के साथ सत्ता में आने के बाद हर वर्ष लाखों की संख्या में रोजगार देने का वादा किया था। भाजपा के इस वादों का देश के विपक्षीय दल लगातार मुद्दा बनाकर केंद्र सरकार को घेरते आ रहे हैं। 2014 को मिलाकर अब तक देश में दो आम चुनाव यानी लोकसभा और कई राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं, हर चुनाव में अन्य मुद्दों के साथ रोजगार मुद्दा भी हावी रहा है।
विरोधी दलों ने हर चुनाव में रोजगार के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा है
अगर 2014 से लेकर 2022 तक देश में हुए चुनावों पर नजर डालें तो विपक्षीय पार्टियों के ओर प्रमुख मुद्दा देश में रोजगार ही रहा है और इसी मुद्दे के सहारे हर चुनाव में केंद्र सरकार व पीएम मोदी पर हमला बोले आए हैं। इतना ही नहीं, इन दलों ने मोदी सरकार पर यह इल्जाम लगाया, जब से देश के प्रधानमंत्री की बागडोर नरेंद्र मोदी के हाथ में आई है। तबसे देश के युवाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और सरकारी संपत्तियों को निजीकरण कर देश के अंदर से सरकारी रोजगार को समाप्त किया जा रहा है। ऐसे में जब देश में लोकसभा चुनाव के लिए दो साल से कम समय बचा है तो केंद्र सरकार रिक्स लेना नहीं चाहती और रोजगार के मामले में एक्शन मोड पर आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ऐलान किया है कि उनकी सरकार अगले डेढ़ साल के अंदर 10 लाख भर्ती करेगे। इस भर्ती के लिए सरकार मिशन मोड पर काम करेगी।
PMO ने ट्वीट कर दी जानकारी
PM @narendramodi reviewed the status of Human Resources in all departments and ministries and instructed that recruitment of 10 lakh people be done by the Government in mission mode in next 1.5 years.
— PMO India (@PMOIndia) June 14, 2022
इस बाबत PMO ने मंगलवार को एक आधिकारिक ट्विट किया है। इस ट्विट में कहा गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की और निर्देश दिया कि सरकार अगले 1.5 साल में मिशन मोड में 10 लाख लोगों की भर्ती करे।
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