Thursday, November 14, 2024
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Char Dham Road Project : सुप्रीम कोर्ट से मिली मंजूरी, चीन सीमा तक जाएगी ब्रह्मोस मिसाइल

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Char Dham Road Project

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
चार धाम रोड के प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिल गई है। अब इन सड़कों की चौड़ाई 10 मीटर तक की जाएगी। इस मंजूरी से गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ को हर मौसम में संबंध जोड़ने वाली सड़कों से कनेक्ट किया जाएगा। इस फैसले को चीन से तनावपूर्ण संबंधों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। रक्षा मंत्रालय ने आंतरिक और बाहरी सुरक्षा का हवाला देते हुए इन रास्तों से चीन की सीमा तक ब्रह्मोस मिसाइलों को ले जाने के लिए सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने का अनुरोध किया था।

चार धाम रोड प्रोजेक्ट में चौड़े रोड बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के सामने तर्क दिया था कि पूरे लाइन आॅफ एक्चयुअल कंट्रोल के आसपास चीन की गतिविधि बढ़ने की चिंता के बीच ब्रह्मोस मिसाइलों और अन्य मिलिट्री संसाधनों को चीन की सीमा तक ले जाने के लिए चार धाम प्रोजेक्ट में चौड़ी सड़कों का निर्माण किया जाना जरूरी है।

What is Char Dham Road Project

चार धाम रोड प्रोजेक्ट का उद्देश्य उत्तराखंड स्थित हिंदुओं के चार धामों गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के लिए सभी मौसमों के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करना है। 12 हजार करोड़ की लागत से 900 किमी लंबे चार धाम प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाना है।

इस प्रोजेक्ट से ऋषिकेश से गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ने के लिए तीन नेशनल हाईवे बनाए जाने हैं। इन चारों स्थलों के लिए आॅल-वेदर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, जिन हाईवे का निर्माण होना है, उनमें-ऋषिकेश से माना, ऋषिकेश से गंगोत्री और टनकपुर से पिथौरागढ़ तक तीन हाईवे का निर्माण शामिल है।

इसलिए जोड़ा चार धाम प्रोजेक्ट की सड़कों से

सुप्रीम कोर्ट में चार धाम प्रोजेक्ट की सुनवाई के लिए केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि ये दुर्गम इलाके हैं, जहां सेना को भारी वाहनों, मशीनरी, हथियार, मिसाइल, टैंक, टुकड़ियां और खाद्य सप्लाई ले जानी होती है।

साथ ही हमारी ब्रह्मोस मिसाइल 42 फीट लंबी है और इसे ले जाने के लिए लंबे वाहनों की जरूरत पड़ती है। अटॉर्नी जनरल ने इस मामले में आगे तर्क दिया था कि भगवान न करें कि अगर लड़ाई शुरू हो जाती है। ऐसे में अगर सेना के पास हथियार ही नहीं होंगे तो वह इससे कैसे निपटेगी। हमें सावधान और सतर्क रहना होगा।

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