इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Corona crisis on Share Market : बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सेंसेक्स में सप्ताह के अंतिम दिन भारी गिरावट दर्ज की गई। सप्ताह के आखिरी दिन सेंसेक्स में 2.87% या 1,650 पॉइंट्स की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट का मुख्य कारण कोरोना के नए वैरिएंट को बताया जा रहा है।
यह पिछले सात महीनों में बाजार में सेंसेक्स की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले पिछले महीने 18 अक्टूबर को सेंसेक्स 61,765 पर बंद हुआ था। वहीं जनवरी में सेंसेक्स 48 हजार पर बंद हुआ था। 19 अक्टूबर को इसने 62,245 का रिकॉर्ड बनाया था। तब से सेंसेक्स 5 हजार पॉइंट्स या 8% गिर चुका है।
बीएसई इंडेक्स 57,107 पर बंद Corona crisis on Share Market
सेंसेक्स को गिराने में इंडसइंड और मारुति का सबसे ज्यादा योगदान रहा। वहीं 30 शेयर्स वाला बीएसई इंडेक्स 57,107 पर बंद हुआ। इस दौरान इंडसइंड बैंक का शेयर 6.01% टूटकर बंद हुआ। मारुति, टाटा स्टील, एचडीएफसी, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस के शेयर्स भी औंधे मुंह गिरे। नेशनल स्टॉक का निफ्टी 510 पॉइंट्स यानि 2.91% गिरा।
कोरोना का वैरिएंट बना परेशानी Corona crisis on Share Market
अगर मार्केट के गिरने की बात करें तो कोरोना का नया वैरिएंट इसका सबसे असरदार कारण माना जा सकता है। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना का नया वैरिएंट सामने आया है। उसके बाद से निवेशकों के कई संपत्तियों से बाहर निकलना आरंभ कर दिया। वहीं अभी तक नए वैरिएंट के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
इसके साथ ही बोत्सवाना, इजराइल, दक्षिण अफ्रीका और हांगकांग में इस तरह के वैरिएंट पाए गए हैं। इस वैरिएंट में म्यूटेशन का अलग मेल जोल है। इससे डर है कि यह वैरिएंट कई देशों में फैल सकता है।
कई देशों में लगा लॉकडाउन Corona crisis on Share Market
कोरोना का नया वैरिएंट सामने आने के बाद से कई देशों में कोरोना के केस बढ़ने लगे हैं। इस कारण यूरोप के कई देशों में वायरस पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन लगना आरंभ हो गया है।
आस्ट्रिया ने 10 दिनों का लॉकडाउन लगाया है। इटली ने बिना वैक्सीन वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाया है। संयुक्त राष्ट्र ने पहले ही जर्मनी और डेनमार्क से बचने की सलाह दी है। 27 देशों वाले यूरोपियन यूनियन ने अपने देशों में यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है।
बाजार में निगेटिव रुझान Corona crisis on Share Market
बाजार में गिरावट आने से हर चीज का दाम नीचे चला गया है। कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति डॉलर के नीचे चली गईं। यूरोपियन शेयन यूरोपियन शेयर बाजार 2.7% गिरे। एशिया के बाजारों की बात करें तो एमसीआई 2.2% गिरा। अगस्त के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट है। कच्चे तेल की कीमत 78.38 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई।
विदेशी निवेशकों ने निकाला पैसा Corona crisis on Share Market
बाजार से लगातार सातवें दिन निवेश्कों ने रुपए निकाले हैं। गुरुवार निवेशकों ने 2,300 करोड़ और शुक्रवार को 5,785 करोड़ रुपए भारतीय बाजार से निकाले थे। वहीं निवेशकों में डर है कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंक इकोनॉमिक राहत को वापस ले सकते हैं।
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