Crude Oil Import Bill
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
चालू वित्त वर्ष में भारत का कच्चे तेल का आयात बिल बड़ा हो सकता है। रूस पर यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई के कारण वैश्विक बाजार में क्रूड आयल का दाम 101 डॉलर प्रति बैरल के पार हो गया है। यह 8 सालों में सबसे ज्यादा है। वहीं भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आयातक देश है। ऐसे में भारत का कच्चे तेल का आयात बिल (Crude Oil Import Bill) भी 100 अरब डॉलर के पार जा सकता है। पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार, देश का कच्चे तेल का आयात बिल मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 में 100 अरब डॉलर को पार कर सकता है। यह पिछले वित्त वर्ष में कच्चे तेल के आयात पर हुए खर्च का करीब दोगुना होगा।
ये अनुमान पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ ने जारी किया है। बताया गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 10 माह में भारत ने कच्चे तेल के आयात पर 94.3 अरब डॉलर खर्च किए हैं। इस साल जनवरी में ही कच्चे तेल के आयात पर 11.6 अरब डॉलर खर्च किए गए हैं। कच्चा तेल बढ़ने से पेट्रोल डीजल भी महंगा हुआ है।
गौरतलब है कि आयातित कच्चे तेल को तेल रिफाइनरियों के जरिये पेट्रोल और डीजल जैसे उत्पादों में बदला जाता है। भारत के पास बेहतर शोधन क्षमता है। वो कुछ पेट्रोलियम पदार्थों का निर्यात भी करता है लेकिन रसोई गैस यानी एलपीजी का उत्पादन काफी कम है। इसे सऊदी अरब, कतर जैसे देशों से आयात किया जाता है। पिछले साल जनवरी में भारत ने कच्चे तेल के आयात पर 7.7 अरब डॉलर खर्च किए थे।
फरवरी 2022 में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा हो गई। अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक भारत का तेल आयात बिल दोगुना होकर 110 से 115 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा. भारत अपने कच्चे तेल की 85 प्रतिशत जरूरत को आयात से पूरी करता है।
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