इडिया न्यूज, नई दिल्ली।
देश में क्रिप्टोकरेंसी पर केंद्र सरकार द्वारा आगामी संसद के शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में कानून बनाकर प्रतिबंध लगाने की योजना पर अब इस करेंसी को लेकर एक अगल से बहस छिड़ गई है। बहस इस बात को लेकर हो रही है, क्या यह लोगों के जीवन का हिस्सा बन पाएगी या फिर सरकार इससे देश में प्रतिबंधित कर देगी। इस बहस में अब आनलाइन पेमेंट कंपनी पेटीएम भी कूद पड़ी है।
कंपनी के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने क्रिप्टोकरेंसी पर अपना खुला समर्थन देते हुए यह दावा किया है कि यह बहुत जल्दी जीवन का हिस्सा बनने वाली है।
हालांकि भारत के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन के जीवन के हिस्सा बनने वाले मतों से बिलकुल भिन्न हैं। उनका कहना है कि मौजूदा समय करीब 6 हजार क्रिप्टोकरेंसी है। कुछ सालों बाद यह केवल एक या दो ही अस्तित्व में रहे पाएंगी।
वहीं, पेटीएम के संस्थापक शर्मा ने गुरुवार को इंडियन चैबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोग्राफी पर आधारित है और यही बात इससे सिक्योर बनाती है। आगामी कुछ साल लोगों के जीवन में एक अहम हिस्सा बन जाएगी। जैसे आज के समय इंटरनेट है। Cryptocurrency Debate
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केंद्र सरकार कुछ दिनों में संसद के शुरू हो रहे सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को देश में बैन करने के लिए विधेयक लाने वाली है। भले ही सरकार इस करेंसी को बैन करने की योजना बना रही हो लेकिन अभी क्रिप्टो को लेकर कोई भी पब्लिक व प्राइवेट की परिभाषा स्पष्ट नहीं हुई है।
पांच साल में होगी क्रिप्टो मेनस्ट्रीम टेक्नोलॉजी (Cryptocurrency Debate)
पेटीएम के फाउंडर ने कहा कि अभी सरकार क्रिप्टो के विषय पूरी तरह भ्रमित हैं। यह आगामी पांच सालों में मेनस्ट्रीम टेक्नोलॉजी होने वाली है। इस करेंसी का अस्तित्व समाप्त होने वाला नहीं और यह कहीं नहीं जाने वाली है। बल्कि लोगों के जीवन का हिस्सा बनने जा रही है।
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