Wednesday, November 20, 2024
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Cyclone Alert ‘जवाद’ आज ओडिशा और आंध्र प्रदेश में मचा सकता है तबाही, मौसम विभाग ने किया अलर्ट

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Cyclone Alert
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हवा का गहरा दबाव चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ में तब्दील हो चुका है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के मुताबिक इस चक्रवात के आज सुबह उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडिशा तट के पास पश्चिमी-मध्य बंगाल की खाड़ी पहुंचने की संभावना है। इसके बाद यह ओडिशा और निकटवर्ती आंध्र प्रदेश के तट के पास उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ेगा और रविवार को दोपहर तक पुरी के आसपास के तट पर पहुंचेगा।

जानिए कहां हैं ज्यादा असर होने के आसार

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मौसम विभाग के अनुसार जवाद बंगाल के पश्चिम-मध्य खाड़ी में विशाखापत्तनम से लगभग 230 किमी दक्षिण पूर्व, गोपालपुर से 340 किमी दक्षिण, पुरी से 410 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और पारादीप से 490 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है।

जवाद का सबसे ज्यादा Andhra Pradesh-Odisha और West Bengal में देखने को मिल सकता है। पूर्वी तट रेलवे के शीर्ष अधिकारी ए.के. त्रिपाठी ने बताया कि Visakhapatnam जिले से 3- 4 दिसंबर को लगभग 65 ट्रेनों को रद कर दिया गया है। आंध्र प्रदेश में स्कूल- कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं।

110 किमी तक प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी

IMD के अनुसार तूफान के दौरान 80 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। जवाद अस्थायी अवधि के लिए समुद्र में बड़े तूफान में तब्दील हो जाएगा और 110 किमी प्रति घंटा की गति से हवाएं चल सकती हैं।

NDRF की 46 टीमों को तैनात किया

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केंद्रीय कैबिनेट सचिव Rajiv Gauba ने कल जवाद से निपटने के लिए राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की। इस बीच, लगभग 46 एनडीआरएफ की टीमों को ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में तैनात किया गया है।

जानिए कैसे तूफान का नाम जवाद पड़ा  (Cyclone Alert)

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बता दें, इस बार चक्रवात का जवाद नाम सऊदी अरब ने दिया है। अरबी भाषा का यह शब्द है और इसका अर्थ उदार या दयालु होना है। इस नाम के पीछे यह भी तर्क दिया गया है कि यह तूफान ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाएगा। तूफानों के नाम दुनिया के विभिन्न देशों के बीच हुए समझौते के आधार पर रखे जाते हैं। 1953 में इस संबंध में हुई संधि में भारत समेत दुनिया के 13 देश शामिल हैं।

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