Data Protection Bill
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
डाटा संरक्षण कानून के मसौदे पर विभिन्न पहलुओं और सुझावों को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है। सरकार को उम्मीद है कि जटिल मुद्दों का जल्द ही समाधान निकल आएगा और मानसून सत्र में इसे संसद की मंजूरी भी मिल जाएगी। यह बात केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कही।
उन्होंने कहा कि फिलहाल मौजूदा डेटा संरक्षण कानून के मसौदे को निरस्त करने की कोई योजना नहीं है। इस मसले पर संसदीय समिति के स्तर पर भी चचार्ओं का दौर जारी है। इस पर संबंधित पक्षों से मिले तमाम सुझावों के आधार पर जटिल मुद्दों का हल निकलने की उम्मीद है। डाटा संरक्षण बिल में नागरिकों के निजी डाटा को सुरक्षित रखने के लिए प्रावधान करने के अलावा डाटा संरक्षण प्राधिकरण के गठन का भी प्रस्ताव है।
यह प्रावधान है कि कोई भी कंपनी व्यक्ति की सहमति के बिना उससे जुड़ी निजी जानकारियों का इस्तेमाल नहीं कर सकती है। निजी डाटा संरक्षण विधेयक, 2019 पर गठित संसद की संयुक्त समिति ने 16 दिसंबर, 2021 को संसद के दोनों सदनों में अपनी रिपोर्ट पेश की थी जिसमें विभिन्न पहलुओं पर मत व्यक्त किए गए थे।
वैष्णव ने कहा कि डेटा प्रोटेक्शन पर चचार्ओं के बाद तैयार रिपोर्ट काफी समग्र है। निश्चित रूप से यह एक जटिल मामला है. इन बिंदुओं का हल निकालने की जरूरत है. मुझे उम्मीद है कि जल्द ही इन बिंदुओं को हल कर लिया जाएगा।
डेटा प्रोटेक्शन बिल में लोगों के व्यक्तिगत आंकड़ों के इस्तेमाल और प्रवाह को वर्गीकृत करने के अलावा निजी डेटा के प्रसंस्करण के बारे में व्यक्तिगत अधिकारों के संरक्षण के भी प्रस्ताव रखे गए हैं।
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