Delhi High Court Lynching अनिल अंबानी की कंपनी अदालत का वक्त न करे बर्बाद
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Delhi High Court Lynching : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) के साथ अदालत से बाहर बातचीत करने पर डीएएमईपीएल (DAMEPL) से नाराजगी जताई है।
डीएएमईपीएल अनिल अंबानी (Anil Ambani) की रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) की अनुषंगी इकाई है।
मामला डीएमआरसी के खिलाफ 4,600 करोड़ रुपए से अधिक के मध्यस्थता अदालत के फैसले को लागू करने से संबंधित विवाद से जुड़ा है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) साफ-सुथरे तरीके से अदालत में नहीं आ रही है। अदालत ने कंपनी से कहा कि उसका वक्त बर्बाद न करे।
जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता (डीएएमईपीएल) के वकील अदालत में दलील दे रहे हैं और उसी समय देनदार (डीएमआरसी) के साथ विवाद को सुलझाने के लिए उससे बातचीत कर रहे हैं।
इस तरह कंपनी साफ-सुथरे तरीके से अदालत में नहीं आ रही। उन्होंने कहा कि आप अदालत के साथ आंख-मिचौली खेल रहे हैं। अदालत का वक्त बर्बाद मत कीजिए।
डीएमआरसी किस सीमा तक कंपनी की देनदारियां चुकाएगी (Delhi High Court Lynching)
अदालत ने कहा कि 22 दिसंबर, 2021 के उसके आदेश के अनुसार डीएमआरसी ने एक हलफनामा दायर किया है जिसमें शेष राशि के साथ उसके बैंक खातों का विवरण प्रस्तुत किया गया है।
डीएमआरसी का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी के अनुसार वह रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की सहायक कंपनी की देनदारियों की जिम्मेदारी, भुगतान की जाने वाली राशि की सीमा तक लेने के लिए तैयार हैं क्योंकि यह ऋणदाता बैंकों के साथ बातचीत करने के लिए बेहतर स्थिति होगी।
डीएएमईपीएल ने ठुकराया प्रस्ताव (Delhi High Court Lynching)
हालांकि डीएएमईपीएल ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। उन्होंने अदालत को 30 दिसंबर, 2021 को डीएएमईपीएल द्वारा डीएमआरसी को लिखे गए पत्र के बारे में बताया।
इस पत्र में पूछा गया है कि क्या वह उस कर्ज का भुगतान करने को तैयार है जो डीएएमईपीएल और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को उनके ऋणदाताओं को चुकाना है।
वकील के अनुसार डीएमआरसी ने पत्र में जवाब दिया कि डीएएमईपीएल को पहले अपनी देनदारियों की पूरी राशि का विवरण देना चाहिए।
इस पर न्यायाधीश ने कहा कि डीएएमईपीएल अदालत में अलग रुख अपना रही है, वहीं यह विवाद के समाधान के लिए डीएमआरसी को पत्र लिख रही है।
डीएएमईपीएल का डीएमआरसी पर आरोप (Delhi High Court Lynching)
डीएएमईपीएल की ओर से वकील प्रतीक सेकसरिया ने कहा कि कंपनी अदालत में अपने पक्ष में आए फैसले को लागू कराने के लिए अपने कानूनी अधिकार का इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने दावा किया कि डीएमआरसी पूरे मामले का खुलासा नहीं कर रही। एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन की शुरूआत 23 फरवरी, 2011 को 2,885 करोड़ रुपए के निवेश से हुई थी।
यह राशि डीएएमईपीएल के प्रवर्तकों की राशि, बैंकों और वित्तीय संस्थानों से जुटाई गई थी। नवंबर, 2021 में उच्चतम न्यायालय ने डीएमआरसी की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें डीएएमईपीएल के पक्ष में 2017 के मध्यस्थता पंचाट का फैसला बरकरार रखने वाले शीर्ष अदालत के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया था। Delhi High Court Lynching
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