Dumping Charges On Steel
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) की सिफारिशों को नामंजूर करते हुए सरकार ने चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से कुछ इस्पात उत्पादों के आयात पर डंपिंग-रोधी शुल्क नहीं लगाने का निर्णय लिया है।
वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई DGTR ने कुछ घरेलू विनिमार्ताओं की शिकायत पर लौह या नॉन-अलॉय धातु के कोल्ड रोल्ड/कोल्ड रिड्यूस्ड फ्लैट इस्पात उत्पादों एवं लौह या नॉन-अलॉय के हॉट रोल्ड फ्लैट उत्पादों के संदर्भ में जांच की थी।
14 सितंबर, 2021 को निदेशालय ने उक्त दोनों श्रेणियों के उत्पादों पर बाध्यकारी डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की थी। डीजीटीआर शुल्क की सिफारिश करता है, जबकि राजस्व विभाग शुल्क लगाने पर अंतिम निर्णय लेता है। लेकिन वित्त मंत्रालय ने इस बारे में व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) की सिफारिशों को मंजूर नहीं किया है।
इस बारे जानकारी देते हुए विभाग ने कहा है कि केंद्र सरकार ने डीजीटीआर के अंतिम निष्कर्षों पर विचार करने के बाद सिफारिशों को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है। निदेशालय ने अपनी जांच के बाद निष्कर्ष दिया था कि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और यूक्रेन की कंपनियों द्वारा कोल्ड रोल्ड उत्पादों को डंप किया जा रहा है। वहीं हॉट रोल्ड उत्पादों की डंपिंग चीन, जापान, कोरिया, रूस, ब्राजील और इंडोनेशिया से हो रही है।
What is dumping?
जब कोई देश या कंपनी अपने घरेलू बाजार की कीमत से कम दाम पर किसी उत्पाद का निर्यात करती है तो उसे डंपिंग कहा जाता है। डंपिंग का असर आयात करने वाले देश में उस उत्पाद की कीमत पर पड़ता है, जिससे उस कंपनी का मार्जिन और मुनाफे प्रभावित होता है।
वैश्विक व्यापार मानदंडों के अनुसार एक देश को ऐसे डंप किए गए उत्पादों पर घरेलू निमार्ताओं को समान अवसर प्रदान करने के लिए शुल्क लगाने की अनुमति है। भारत में डीजीटीआर द्वारा गहन जांच के बाद ही शुल्क लगाया जाता है।
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