(नई दिल्ली): ट्विटर के नये मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने ट्विटर पर छटनी के बाद अब वे एक चिप बना रहे हैं. एक ऐसा चिप, जिसे विकलांग लोगों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. ये चिप लोगों के दिमाग़ में घुसाया जाएगा. मस्क ने ऐलान किया है कि इस चिप (Neuralink Chip) के ट्रायल में छह महीने लगेंगे.
अपने ऐलान में ये भी कहा है कि एक डेमो के दौरान एक चिप वो अपने मस्तिष्क में भी लगवाएंगे. आखिर ये चिप है क्या? और काम कैसे करती है? आइये अपको बता देते हैं.
न्यूरालिंक कंपनी बनाएगी चिप
एलन मस्क ने हाल ही में ट्विटर ख़रीदा और ख़ूब बवाल काटा. ट्विटर के अलावा, मस्क टेस्ला और स्पेस-एक्स जैसी कंपनियों के भी मालिक हैं. लेकिन, मस्क की एक और कंपनी है, चर्चा में कम आने से इस कंपनी को लोग कम ही जानते है। हाल में ही चर्चा में आई. एक न्यूरल इंटरफ़ेस टेक्नोलॉजी कंपनी — न्यूरालिंक. यही कंपनी चिप बनाएगी.
अब एक अपाहिज व्यक्ति भी चलायेगा स्मार्टफ़ोन
चिप चलेगी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस पर. दिमाग़ की हरक़त पढ़ेगी और रिकॉर्ड करेगी. मक़सद है, कि विकलांग लोगों की मदद करना. उन्हें चलने-फिरने और बात करने में सक्षम बनाना. ख़बर तो ये भी छप रही है कि इस चिप के ज़रिए एक अपाहिज व्यक्ति अपने दिमाग़ से स्मार्टफ़ोन चला पाएगा. ऐसा ही एक बयान मस्क ने 2016 में दिया था.
चिप सर्जरी करके इंसान के दिमाग़ में होगी फीट
बहुत छोटी सी चिप होगी. सर्जरी करके इंसान के दिमाग़ में डाली जाएगी. चिप में ढेर सारे छोटे-छोटे तार होंगे. एक तार इंसान के बाल के मुक़ाबले 20 गुना पतला होगा. इन तारों में 1024 इलेक्ट्रोड्स होंगे, जो दिमाग़ की हर हरकत पर नजर रखेंगे. और, दिमाग़ की फ़िज़ियोलॉजिकल और नर्वस गतिविधियों को उत्तेजित करेंगे.
चिप करेगी अलग-अलग डिवाइसेज़ को कंट्रोल
एक काम ये भी होगा कि जो डेटा चिप में इकट्ठा होगा, उसे कंप्यूटर में डाला जाएगा. जिसका इस्तेमाल भविष्य में होने वाले रिसर्च में किया जाएगा. कंपनी का तो दावा ये भी है कि आप क्या सोच रहे हैं, चिप ये पढ़ सकती है. स्मार्टफ़ोन और कंप्यूटर जैसे बेसिक डिवाइसेज़ के कंट्रोल की बात तो है ही. इसके अलावा चिप के जरिए मशीनों से बात करने का दावा भी किया गया है.
एलन मस्क का बयान
“हम बेहद सावधान हैं. हम निश्चिंत होना चाहते हैं कि ये डिवाइस इंसान के दिमाग़ में डालने से पहले अच्छी तरह से काम करे.”
एलन मस्क की कंपनी इस तकनीक पर काफ़ी समय से काम कर रही है और इसे जानवरों पर भी आज़मा चुकी है. न्यूरालिंक चिप को बंदर और सुअर के दिमाग़ में सफलतापूर्वक टेस्ट किया जा चुका है.
साइंस के क्षेत्र में चिप होगी एक बड़ी कामयाबी
अब अगर ऐसी चिप आती है, तो साइंस के क्षेत्र में ये एक बड़ी कामयाबी होगी. आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और मानव चेतना का एक ऐसा प्रयोग, जो आम जनमानस में पहले कभी नहीं हुआ.