Tuesday, November 26, 2024
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EPFO New Interest Rate : नौकरीपेशा लोगों को झटका, ईपीएफओ ने घटाया इंट्रेस्ट रेट, 40 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा

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EPFO New Interest Rate
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
एक तरफ नौकरीपेशा लोग महंगाई से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर अब एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड आर्गनाइजेशन (EPFO) ने प्रोविडेंट फंड सब्सक्राइबर्स को बड़ा झटका दिया है। ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष के लिए इंट्रेस्ट रेट घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया है। जबकि पहले यह 8.5 फीसदी था।

ईपीएफ की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक यह पिछले 4 दशक यानि 40 साल का न्यूनतम इंट्रेस्ट रेट है। ईपीएफओ के फैसले का असर 7 करोड़ सब्सक्राइबर्स पर होगा। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाला इंट्रेस्ट रेट (Provident Fund interest rates) 8.5 फीसदी था।

ईपीएफओ बोर्ड के फैसले पर वित्त मंत्रालय की मुहर लगाई जाएगी जिसके बाद इसे अमल में लाया जाएगा। बता दें कि पिछले दो सालों से इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया था। हालांकि, चालू वित्त वर्ष में इसें 40 बेसिस प्वाइंट्स से घटा दिया गया है।

1977-78 में मिलता था 8 फीसदी ब्याज

जानना जरूरी है कि 1977-78 में ईपीएफओ ने 8 फीसदी का ब्याज दिया था। उसके बाद से यह 8.25 फीसदी या उससे अधिक रहा है।

2 दिवसीय बैठक में लिया निर्णय

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11 मार्च 2022 शुक्रवार को ही ईपीएफओ की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई थी, जो आज खत्म हो गई है, जिसमें ईपीएफ की ब्याज दर घटाने का फैसला लिया गया है। बैठक में पीएफ के अलग-अलग इन्वेस्टमेंट पर किस तरह का रिटर्न मिला है, उस बात पर भी समीक्षा की गई। जानकारी के मुताबिक, मौजूदा बाजार की स्थिति और रूस-यूक्रेन क्राइसिस को देखते हुए सेंट्रल बोर्ड आफ ट्रस्टीज इंट्रेस्ट रेट में कटौती करने का फैसला किया है।

2 सालों से नहीं बदला इंट्रेस्ट रेट (EPFO New Interest Rate)

ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2020-21 और इससे पिछले वित्त वर्ष में 8.5 फीसदी ब्याज तय की थी। इससे पहले 2018-19 में ईपीएफओ पर 8.65 प्रतिशत का ब्याज दिया गया था। ईपीएफओ ने 2016-17 और 2017-18 में भी 8.65 प्रतिशत का ब्याज दिया था। वहीं, 2015-16 में ब्याज दर 8.8 फीसदी, 2013-14 और 2014-15 में भी 8.75 प्रतिशत थी।

2014 में 8.75 प्रतिशत था इंट्रेस्ट रेट

मोदी सरकार जब सत्ता में आई थी तब इंट्रेस्ट रेट 8.75 फीसदी थी। वित्त वर्ष 2014-15 में इंट्रेस्ट रेट 8.75 फीसदी, वित्त वर्ष 2015-16 में इंट्रेस्ट रेट 8.80 फीसदी, वित्त वर्ष 2016-17 में इंट्रेस्ट रेट 8.65 फीसदी, वित्त वर्ष 2017-18 में इंट्रेस्ट रेट 8.55 फीसदी, वित्त वर्ष 2018-19 में इंट्रेस्ट रेट 8.65 फीसदी और वित्त वर्ष 2019-20 से इंट्रेस्ट रेट 8.5 फीसदी पर बरकार है।

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