Tuesday, November 19, 2024
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RBI की होने वाली एमपीसी बैठक में लगी सबकी निगाहें, विशेषज्ञों ने जताया रेपो रेट में बढ़ोतरी का अनुमान

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Experts Estimate Repo Rate Hike

इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। अगस्त माह में प्रस्तावित भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (Policy Meet) पर आम जनमानस के साथ भारतीय कारोबारियों की निगाहें टिकी हुई हैं। इस पॉलिसी मीट पर ऐसे कायस लगाए जा रहे हैं कि आरबीआई एक बार फिरसे अपने रेपो रेट में वृद्धि कर सकता है। हालांकि आरबीआई गवर्नर शाशिकांत दास पहले इसके वृद्धि होने की संभावना जा चुके हैं। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए आरबीआई आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट बढ़ा सकता है। इनका कहना है कि इस बार रिजर्व बैंक 0.25 से 0.35 फीसदी की रेपो रेट में वृद्धि कर सकता है।

मई-जून में इतने फीसदी की थी वृद्धि

दरअसल, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय द्विमासिक बैठक 3 अगस्त से शुरू हो रही है और इस बैठक में लिये गए फैसलों का ऐलान 5 अगस्त को होगा। इससे पहले केंद्रीय बैंक कोरोना काल के बाद मई 2022 में 0.40 फीसदी की नीतिगत दरों में इजाफा किया था। उसके बाद एक महीने के अंतराल में ही जून 2022 को फिर से 0.50 फीसदी नीतिगत दरों में इजाफा कर दिया था। रिजर्व बैंक ने दो बार रेपो रेट बढ़ाने के पीछे का तर्क देश में बढ़ी महंगाई पर लागाम लगाने का दिया। उधर, देश की शुदरा मुद्रास्फीति पिछले 6 महीने से रिजर्व बैंक के 6 फीसदी के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।

रेपो रेट के साथ अन्य रूख को भी धीरे धीरे करेगा कड़ा

बोफा ग्लोबल रिसर्च की एक रिपोर्ट में रेपो रेट की वृद्धि के अनुमान लगाए गए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक की एमपीसी की बैठक में 0.35 फीसदी रेपो रेट की वृद्धि कर सकती है। इसके अलावा बैंक अपने रुख को धीरे धीरे कड़ा करेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि रेपो रेट में आक्रामक 0.50 फीसदी या कुछ नरम 0.25 फीसदी की वृद्धि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

आक्रामक तरीके से ब्याज दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं

वहीं, इस पर हाउसिंग.कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि अमेरिका सहित विश्व के कई देशों के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं। हालांकि भारत में ऐसी स्थिति नहीं है। उनका कहना है कि फिलहाल देश की स्थिति को देखते हुए यहां आक्रामक तरीके से ब्याज दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं हैं। अग्रवाल का अनुमान है कि इस बार केंद्रीय बैंक 0.20 से 0.25 फीसदी दर से ब्याज दरों में वृद्धि कर सकता है।

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