Finance Minister On PF Interest Rate
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
लगभग 10 दिन पहले ईपीएफओ (EPFO) ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पीएफ की ब्याज दरों में कटौती का फैसला किया था। बोर्ड ने पीएफ की ब्याज दर को 8.4 फीसदी से घटाकर 8.2 फीसदी करने का फैसला किया था जिसका काफी विरोध हो रहा था। अब इस मामले में वित्त मंत्री ने चुप्पी तोड़ी है।
आज राज्यसभा में बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड आर्गनाइजेशन के सेंट्रल बोर्ड ने इंट्रेस्ट रेट को घटाने का फैसला किया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि ईपीएफओ का सेंट्रल बोर्ड ही तय करता है कि किसी वित्त वर्ष में प्रोविडेंट फंड पर किस दर से ब्याज दिया जाना चाहिए और इसने काफी लंबे समय से इसकी दरें नहीं घटाई थी। अब बोर्ड ने इसकी दर को 8.4 फीसदी से घटाकर 8.2 फीसदी करने का फैसला किया है।
ईपीएफओ का जो बोर्ड यह फैसला करता है, उसमें वर्कर्स, मैनेजमेंट और सरकार के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। सभी ने मिलकर यह निर्णय लिया है। लेकिन इसे भी वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिलनी बाकी है।
वित्त मंत्री ने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना के लिए इंट्रेस्ट रेट 7.6 फीसदी, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम्स पर इंट्रेस्ट रेट 7.4 फीसदी, पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर इंट्रेस्ट रेट 7.1 फीसदी है। स्टेट बैंक आफ इंडिया फिक्स्ड डिपॉजिट पर मैक्सिमम 5.6 फीसदी का इंट्रेस्ट आफर कर रहा है। सीनियर सिटीजन को मैक्सिमम 6.3 फीसदी की ब्याज दर आफर की जा रही है।
44 साल में सबसे कम है मौजूदा ब्याज दरें
बता दें कि ईपीएफओ बोर्ड के फैसले को वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद चालू वित्त वर्ष में पीएफ खाते में जमा पैसों पर 8.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा जो 1977-78 के बाद से यानी कि 44 साल में सबसे कम है। 1977-78 में ईपीएफ की ब्याज दर 8 फीसदी पर थी। पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में यह 8.5 फीसदी पर था। ईपीएफओ के करीब 4 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं।
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