Fiscal Deficit
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
चालू वित्त वर्ष के बजट में सरकार ने राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) का अनुमान बढ़ाकर 6.9 फीसदी कर दिया है। जबकि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटे का अनुमान 6.4 फीसदी रखा गया है। केंद्रीय राजस्व सचिव तरूण बजाज (Tarun Bajaj) ने कहा है कि राजस्व बढ़ने पर देश का राजकोषीय घाटा कम हो जाएगा। तरुण बजाज बंगाल चैंबर आफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित वेबिनार में संबोधित कर रहे थे। इस दौरान बजाज ने कहा कि पूंजीगत व्यय में वृद्धि की पृष्ठभूमि में सरकार ने ढीली राजकोषीय नीति अपनाई है।
2025-26 के लिए और कम होगा Fiscal Deficit
राजस्व सचिव ने बताया कि वर्तमान में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.9 प्रतिशत है। 2025-26 के लिए लक्ष्य इसे घटाकर 4.5 प्रतिशत तक लाने का है। यदि हम अपने राजस्व में वृद्धि जारी रखते हैं तो राजकोषीय घाटा 0.1 या 0.2 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
उन्होंने कहा कि अगले साल के लिए राजकोषीय घाटा 6.4 प्रतिशत रखा गया है। हालांकि सरकार के पास इसे और कम करने का मौका था। लेकिन पूंजीगत व्यय में लगभग 35 प्रतिशत के उछाल ने हमें राजकोषीय घाटे को उस स्तर पर बनाए रखने के लिए मजबूर किया है। तरुण बजाज ने कहा कि सरकार जीडीपी में बढ़त जारी रखना चाहती है। इससे ही आय और राजस्व बेहतर होंगे।
चालू वर्ष में कुल खर्च 39.45 लाख करोड़
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी को आम बजट 2022-23 पेश करते हुए कहा था कि चालू वर्ष के दौरान कुल खर्च 39.45 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। जबकि आय 22.84 लाख करोड़ रुपए रहेगी।
चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे में मामूली बढ़ोतरी बाजार और विशेषज्ञों की उम्मीदों के विपरीत है, जिन्होंने कर संग्रह में वृद्धि के कारण इसमें मामूली गिरावट का अनुमान जताया था। वित्त मंत्री ने कहा था कि 2022-23 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है, जिसे 2025-26 तक 4.5 फीसदी से नीचे लाया जाएगा।
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