Fitch Ratings
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने आज वीरवार को अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) तेजी के साथ महामारी से रिकवर कर रही है लेकिन उनकी मध्य अवधि की कर्ज के संबंध में अनिश्चित्ता बनी हुई है। फिच ने भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ के अगले वित्त वर्ष में 10.3 फीसदी और 2021-22 में 8.4 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया है।
कहा है कि अर्थव्यवस्था 2020-21 में महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती से रिकवर कर रही है। फिच रेटिंग्स के मुताबिक वित्तीय संस्थानों को एसेट की गुणवत्ता से संबंधित जोखिमों की वजह से असंतुलित रिकवरी और कैपिटल की सीमाओं का सामना करना पड़ रहा है।
मध्यम अवधि में ऋण को लेकर चिंता
फिच की रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर मध्यम अवधि में ऋण का रुझान चिंता का विषय है। एक फरवरी, 2022 को पेश बजट के हिसाब से देखा जाए, तो राजकोषीय मजबूती की रफ्तार पूर्व में लगाए गए अनुमान से कम रहेगी। फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने कहा कि भारत के मध्यम अवधि के ऋण के रुख की वजह से ही नवंबर, 2021 में एजेंसी ने बीबीबी- सॉवरेन रेटिंग की पुष्टि करते हुए नकारात्मक परिदृश्य को कायम रखा था।
हालांकि फिच ने ये भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) तेजी से कोविड-19 महामारी के प्रभाव से उबर रही है और वित्तीय क्षेत्र का दबाव कुछ कम हो रहा है। बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का प्रदर्शन अर्थव्यवस्था में तेजी और नियामकीय मोर्चे पर ढील की वजह से धीरे-धीरे बेहतर होना चाहिए। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन का प्रदर्शन धीरे-धीरे बेहतर होना चाहिए, जिसके बीचे अर्थव्यवस्था में आता मोमेंटम और रेगुलेटरी कदम हैं।
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