Flour Export Will Be Banned
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। देश में खाद्यान्न की उपलब्धता बनी रहे इसके लिए केंद्र सरकार कई प्रयास कर रही है। यह इसी प्रयास का नजीता है कि केंद्र सरकार ने पहले गेहूं के निर्यात पर पाबंदियां लगाया है और अब आटा और मैदा के निर्यात पर भी रोक लगाने की तैयारी की है। सरकार आटे के आउटबाउंड शिपमेंट के लिए एक नया अनुमोदन ढांचा अमल में लाएगी। इसके लिए सरकार ने गेहूं के आटे व अन्य उत्पादों के निर्यात पर रोक लगाने के फ्रेमवर्क को मंजूरी दे दी। मिली जानकारी के मुताबिक देश आटे के निर्यात पर रोक 12 जुलाई, 2022 से लागू होगी। यह जानकारी डीजीएफटी ने दी।
जारी हुआ नोटिफिकेशन
इस संदर्भ में डीजीएफटी ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेश में कहा कि गेहूं के आटे के निर्यात की छूट मिलेगी लेकिन इसके लिए अंतर-मंत्रालयी समिति की सिफारिश जरूरी होगी। यानी कि गेहूं के आटे के लिए निर्यात की नीति फ्री ही बनी रहेगी लेकिन इसका निर्यात करने के लिए इंटर-मिनिस्ट्रियल कमिटी से मंजूरी लेनी होगी। इस प्रावधान गेहूं का आटा, मैदा, सैमोलिना, साबूत आटा और अन्य तरह के आटों के निर्यात पर लागू होगा।
इंटर-मिनिस्ट्रियल कमिटी से मंजूरी लेना जरूरी
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि आटे के अलावा मैदा, समोलिना (रवा/सिरगी), होलमील आटा और रिजल्टेंट आटा के निर्यात के लिए इंटर-मिनिस्ट्रियल कमिटी से मंजूरी लेने होगी। गेहूं के आटे की गुणवत्ता के संबंध में भी जरूरी दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।
नए निर्देश 12 जुलाई से लागू हो जाएंगे। लेकिन 12 जुलाई तक सिर्फ उन्हीं कंसाइनमेंट्स को एक्सपोर्ट की मंजूरी मिल पाएगी, जो या तो शिप पर लोड किए जा चुके हैं या फिर कस्टम को हैंडओवर किए जा चुके हैं। इसके अलावा जो भी कंसाइनमेंट होंगे उन्हें फिलहाल रोक दिया जाएगा।
कीमतें नियंत्रण के लिए उठाया कदम
बताया गया है कि भारतीय बाजार में आटे की कीमतें नियंत्रित रखने के लिए सरकार ऐसा कदम उठा रही है। डेढ़ महीने पहले मई में सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगाई थी। इसके बाद आटे के निर्यात में तेजी आ गई थी। निर्यात में तेजी के कारण घरेलू बाजार में आटे की उपलब्धता प्रभावति हुई थी जिससे आटे की कीमतें बढ़ने की आशंका थी।
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