Go Fashion IPO
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
महिलाओं के कपड़े बनाने वाली कंपनी Go Fashion के आईपीओ को सब्सक्राइब करने का आज आखिरी दिन है। अभी तक इस आईपीओ में निवेशकों का शानदार रिस्पोंस मिला है। कंपनी ने 1013.61 करोड़ रुपए का इश्यू लॉन्च किया था। इसका इश्यू प्राइस 655-690 रुपए है। जबकि ग्रे मार्केट में इसके अनलिस्टेड शेयर 470 रुपए प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं। यह आईपीओ 17 नवंबर को खुला था और पिछले 2 दिनों में कंपनी का इश्यू 6.87 गुना सब्सक्राइब हुआ है। वहीं खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित हिस्सा सबसे अधिक करीब 24.64 गुना सब्सक्राइब हुआ है।
गो फैशन आईपीओ के ग्रे मार्केट की बात करें तो आईपीओ खुलने के बाद इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम 600 रुपए तक पहुंच गया था लेकिन इसके बाद कुछ गिरावट आई। आज सोमवार को इस आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम 470 रुपए है जो एक दिन पहले के मुकाबले 30 रुपए कम है।
मौजूदा GMP के हिसाब से देखें तो Go Fashion के शेयरों की लिस्टिंग 1160 (690+470) रुपए पर हो सकती है। यह कंपनी के अपर प्राइस बैंड से 70% ज्यादा है। जानकारी के मुताबिक नए शेयरों से जुटाए पैसों का इस्तेमाल 120 नए एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट्स खोलने में किया जाएगा। इसके अलावा इसका इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए भी किया जाएगा।
125 करोड़ रुपए के नए शेयर (Go Fashion)
बता दें कि इस इश्यू के तहत 125 करोड़ रुपए के नए शेयर जारी किए जाएंगे और 1.29 करोड़ इक्विटी शेयरों की ओएफएस के तहत बिक्री होगी। ओएफएस के तहत पीकेएस फैमिली ट्रस्ट व वीकेएस फैमिली ट्रस्ट 7.45 लाख, सीक्विया कैपिटल इंडिया इंवेस्टमेंट्स 74.98 लाख, इंडिया एडवांटेज फंड एस4 33.11 लाख और डायनमिक इंडिया एस4 यूएस 5.76 लाख इक्विटी शेयरों की बिक्री करेगी।
Go Fashion आईपीओ से संबंधित मुख्य बातें
- इस इश्यू के लिए 655-690 रुपए प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है। शेयर की फेस वैल्यू 10 रुपए रखी गई है।
- यह IPO 17 नवम्बर को खुला था और आज 22 नवम्बर को सब्सक्राइब करने का आखिरी दिन है।
- इस IPO में 21 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकते हैं। अत: प्राइस बैंड के अपर प्राइस के हिसाब से निवेशकों को
- कम से कम 14490 रुपये का निवेश करना होगा।
- शेयरों का अलॉटमेंट 25 नवंबर को फाइनल हो सकता है और लिस्टिंग 30 नवंबर को हो सकती है।
- इश्यू का 75 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बॉयर्स, 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स और 10 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है।