इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Gold Bank Establishment भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने देश में स्वर्ण बैंक यानी गोल्ड बैंक की स्थापना की बात कही। उन्होंने कहा कि देश मे लोगों के घरों में भारी मात्रा में सोना पड़ा है जिसका कोई इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। अगर इसका इस्तेमाल सही प्रकार से हो जाए तो देश को सोने के मौद्रिकरण में काफी मदद मिलेगी। गांधी ने यह बातें बुधवार को डिजिटल कर्ज देने वाली वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी रुपीक के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।
अर्थव्यवस्था के जरूरी है सोने का मौद्रिकरण Gold Bank Establishment
गांधी ने कहा कि यदि देश को अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए सोने का सफलतापूर्वक मौद्रिकरण करना है, तो उसे आभूषणों के रूप में घरों में सोना रखने की मानसिकता को बदलने की जरूरत होगी। यह एक स्वर्ण बैंक की अवधारणा को पुनर्जीवित करने का समय हो सकता है। एक ऐसा बैंक जो स्वर्ण जमा स्वीकार करेगा, जो विशेष रूप से या मुख्य रूप से स्वर्ण ऋण प्रदान करेगा। गांधी ने कहा कि भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं को लगातार उच्च वृद्धि के लिए बहुत अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है।
देश में रखा है कई हजार टन सोना Gold Bank Establishment
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक पूर्व गर्वनर ने कहा कि देशवासियों घरों और धार्मिक संस्थानों के पास लगभग 23,000 से लेकर 24,000 टन सोना है, लेकिन इसको उपयोग में लाने के लिए लोगों की मानसिकता को बदलना होगा,जोकि यह आसान काम नहीं है। पूर्व गर्वनर ने पिछले कुछ वर्षों में देश में सोने की ओर नीति में एक उल्लेखनीय बदलाव आया है। लोगों को भौतिक सोने की तुलना में वित्तीय सोने में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना, लोगों के पास रखे सोने के मौद्रिकरण के लिए कदम उठाना और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए ढांचा बनाना आदि जैसे कदम उठाए गए हैं।
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