इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Pawan Hans: बहुत जल्द सरकारी हेलीकॉप्टर ऑपरेटर कंपनी पंवन हंस से सरकार का हाथ हट जाएगा। यह सरकारी हेलीकॉप्टर ऑपरेटर कंपनी हंस अब बेचने जा रही है और इसकी बिक्री प्रक्रिया अपने अंतिम चरणों में पहुंच चुकी है। पवन हंस के लिए सरकार को कई वित्तीय बोलियां प्राप्त हुए हैं। इसकी जानकारी दीपम के सचिव तुहिन कांता पांडे ने दी है।
51 फीसदी बेचेगी सरकार हिस्सेदारी Pawan Hans
इस संदर्भ में दीपम के सचिव तुहिन कांता पांडे ने ट्वीट किया है और उन्होंने कहा कि , सरकारी हेलीकॉप्टर ऑपरेटर कंपनी पंवन के विनिवेश के लिए वित्तीय बोलियां लेनदेन सलाहकार को प्राप्त हो गई हैं। प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। हालांकि उन्होंने यह जानकारी नहीं दी है कि इस कंपनी में बोली लगाने वालों की संख्या कितने है। उन्होंने कहा कि इस कंपनी पर राज्य के स्वामित्व वाली तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) की 49 फीसद हिस्सेदारी है। सरकार ने इस हिस्सेदारी को विलय करते हुए पूरी हिस्सेदारी को बिक्री के पेश किया है।
40 से अधिक हैं हेलीकॉप्टर Pawan Hans
वर्ष 1985 में स्थापित हुए पवन हंस कंपनी के पास मौदूजा समय 40 से अधिक हेलीकॉप्टर हैं। 900 से अधिक कर्मचारी कंपनी में कार्यरत हैं, जिसमें बहुत कम स्थायी कर्मचारी हैं। यह कंपनी भारत के पूर्वोत्तर के साथ ओएनजीसी की गतिविधियों के लिए अपनी सेवा प्रदा करती है।
28 करोड़ का झेला था नुकसान Pawan Hans
हेलीकॉप्टर ऑपरेटर कंपनी पवन हंस ने वित्त वर्ष 2019-20 में 28 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। जो पिछले वर्ष में 69 करोड़ रुपये से कम था। वहीं, 31 मार्च, 2020 तक कंपनी की अधिकृत पूंजी 560 करोड़ रुपये व चुकता शेयर पूंजी 557 करोड़ रुपये थी। सरकार ने पहली बार वर्ष 2018 में इस कंपनी से अपनी हिस्सेदारी बेचने के बोलियां आमंत्रित की थी। वहीं, दूसरी बार 2019 में बेचने का प्रयास किया गया था लेकिन सरकार इसमें असफल रही थी।
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