Green Hydrogen
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
देश में हरित हाइड्रोजन कारोबार विकसित करने के लिए सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन आयल कॉरपोरेशन (IOC), इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो और अक्षय ऊर्जा कंपनी रीन्यू पावर ने एक संयुक्त उद्यम बनाया है।
ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले विद्युत अपघटकों के विनिर्माण और बिक्री के लिए आईओसी और एलएंडटी ने एक संयुक्त उद्यम बनाने के लिए करार किया है। इस बारे में जानकारी देते हुए कंपनियों ने कहा कि त्रिपक्षीय उद्यम एक सहक्रियात्मक गठबंधन है जो ईपीसी परियोजनाओं को रूपित, निष्पादित और वितरित करने में एलएंडटी की मजबूत साख, पेट्रोलियम रिफाइनिंग में आईओसी की स्थापित विशेषज्ञता और ऊर्जा स्पेक्ट्रम में रीन्यू की विशेषज्ञता को एक साथ लाता है।
संयुक्त उद्यम शून्य-कार्बन उत्सर्जक हाइड्रोजन का निर्माण करेंगे, जिसका उपयोग रिफाइनरियों से लेकर इस्पात संयंत्रों और आटोमोबाइल तक के लिए किया जाता है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने फरवरी में हरित हाइड्रोजन नीति को अधिसूचित किया था। इस नीति का उद्देश्य हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया के उत्पादन को बढ़ावा देना है ताकि देश को तत्व के पर्यावरण के अनुकूल संस्करण के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने में मदद मिल सके।
रीन्यू पावर के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुमंत सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 2030 और 2070 के लिए सरकार के व्यापक रणनीतिक जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप, रीन्यू भारत में हरित हाइड्रोजन व्यवसाय बनाने के लिए एलएंडटी और आईओसी के साथ काम करने के लिए तत्पर है। बयान में कहा गया है कि आज, हाइड्रोजन का उपयोग मुख्य रूप से रिफाइनिंग, इस्पात और उर्वरक क्षेत्रों में किया जाता है, जो संयुक्त उद्यम के शुरूआती प्रयासों का फोकस होगा।
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