इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Health Policy Portability: हमेशा हमें यह सलाह दी जाती है कि हेल्थ पॉलिसी में इन्वेस्ट करना हमारे लिए बहुत जरूर है। ताकि आगे आने वाले समय में हेल्थ से रिलेटेड इमरजेंसी आए तो आप अपनी पॉलिसी की मदद ले सके। यदि आपने पहले से ही कोई हेल्थ पॉलिसी ली हुई है और आप उससे खुश नहीं है तो इसे आसानी से दूसरी कंपनी में पोर्ट करा सकते हैं।
यह कार्य सिम कार्ड पोर्ट कराने जैसा ही है। उस पॉलिसी में माइन वाला बेनिफिट चेंज नहीं होगा बल्कि नई कंपनी आपको एक्स्ट्रा बेनेफिट देती है। आइए यहां जानते हैं कि आप कैसे अपनी पॉलिसी को पोर्ट करा सकते हैं।
कैसे करे नई कंपनी में अप्लाई (Health Policy Portability)
जिस कंपनी में आप पॉलिसी पोर्ट करवाना चाहते है, पहले उसका चुनाव करें. पॉलिसी एक्सपायर होने के 45-60 दिन पहले आपको पोर्ट के लिए अप्लाई करना होगा। आपको ये बता दें यह काम आप खुद भी कर सकते है या किसी फाइनेंशियल प्लानर की मदद भी ले सकते है।
पोर्टेबिलिटी और प्रपोजल फॉर्म भरें (Health Policy Portability)
यदि आपको नई कंपनी का चुनाव करना है तो उसके लिए आपको एप्लीकेशन फॉर्म भरना होगा। इसके बाद नई कंपनी आपको पोर्टिबिलिटी और प्रपोजल फॉर्म भेजेगी, इनदोनो फॉर्म्स को भरने के बाद आपको इस फॉर्म में अपनी निजी जानकारी और पिछली इंश्योरेंस कंपनी की जानकारी देनी होगी।
क्या चीज़े हो सकती हैं पोर्ट? (Health Policy Portability)
जब आप पॉलिसी खरीदते है उसके 30 दिन के बाद का वेटिंग पीरियड, पुरानी बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड, किसी खास बीमारी के लिए वेटिंग पीरियड और पुरानी पॉलिसी को No Claim Bonus भी नई पॉलिसी में ट्रांसफर किया जा सकता है।
किन डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरूरत
- हेल्श इंश्योरेंस रिन्यू का नोटिस या पॉलिसी शेड्यूल
- नो क्लेम बोनस क्लेम करना है तो एक घोषणापत्र
- कोई क्लेम किया है तो डिस्चार्ज समरी
- जांच और फॉलो-अप रिपोर्ट
- पिछली मेडिकल हिस्ट्री
- रिपोर्ट और कॉपी
बता दें कि सिर्फ वहीं पॉलिसी पोर्ट की जा सकती हैं, जो रेगुलर हों। अगर कोई हेल्थ पॉलिसी किसी कारणवश बीच में ही रोक दी गई है तो आप इसे किसी दूसरी कंपनी में पोर्ट नहीं करा सकते।
Health Policy Portability
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