इंडिया न्यूज, New Delhi: Health policy tips: हेल्थ हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है, जिसको नजरअंदाज करना जीवन में बहुत बड़ी समस्या लाकर खड़ा कर सकता है। उसके बाद भी देश में अधिकांश नौकरीपेशा लोग या फिर अन्य संसाधनों से आय करने वाले लोग अपने स्वस्थ को लेकर कोई सचेत नहीं हैं और न ही भविष्य में स्वस्थ संबंधित कोई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिस लिए हुई हैं।
मान लो अगर इन लोगों को कोई भविष्य में गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा जाए तो जीवन भर की पूरी कमाई अपने इलाज में लगी पड़ सकती है। यहां तक कि बाद में आर्थिक परिस्थितियां भी खराब हो सकती हैं। इसलिए आज के दौर में हेल्थ इंश्योरेंस भी अन्य निवेश की तरह जीवन में बहुत जरूरी है।
हेल्थ से जुडे विशेषज्ञों का भी कहना है कि आज के समय हर किसी के पास एक हेल्थ पॉलिसी होना बहुत जरूरी है,क्योंकि अधिकांश लोगों को खान-पान सही होना होता है, जिसके चलते उन्हें अस्पलात के चलकर लगाने पड़ते हैं। हालांकि ज्यादातर लोगों को यह बात तब समझ आती है जब वे किसी बड़ी या गंभीर बीमारी के चपेट में आ जाते हैं और तब तक देर हो चुकी होती है।
इसलिए अगर आप अपने हेल्थ को लेकर ज्यादा सचेत हैं और कोई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो यह लेख आपके लिए काफी अहम साबति होने वाला है। आज हम हेल्थ पॉलिसी को लेकर वे चीजें बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए काफी जरूरी हैं,ताकि पॉलिसी लेने के बाद आपको जल्दी क्लेम मिल सके।
सबसे चीज क्लेम सेटलमेंट देखें
इंश्योरेंस के सबसे अहम पहलुओं हिस्सा क्लेम सेटलमेंट होता है। अगर पॉलिसीधारक का क्लेम सेटलमेंट सही समय पर न हो तो उस पॉलिसी का कोई मतलब नहीं रह जाता है। इसलिए पॉलिसीधार को हेल्थ पॉलिसी लेते समय सभी पॉलिसी नियमों और शर्तों को समझें और डिजिटल इंश्योरेंस का इस्तेमाल करें।
दूसरा हिस्सा है वेटिंग पीरियड
पॉलिसी में वेटिंग पीरियड का मतलब यह है कि बीमारियों को कवर करने की समय सीमा। कुछ पॉलिसी एक या दो साल के वेटिंग पीरियड के बाद पहले से मौजूद बीमारियों को कवर करती हैं और कुछ कंपनियां चार साल बाद ही उन्हें कवर करती हैं। इसलिए अगर आप कोई हेल्थ पॉलिसी ले रहे हों तो कम से कम वेटिंग पीरियड अवधि वाली हो और कंप्रिहेंसिव हेल्थ कवरेज प्रदान करे
तीसरा पॉलिसी की नियम और शर्तें
अगर आप कोई हेल्थ या अन्य पॉलिसी खरीदने जा रहे हैं तो उसके नियम और शर्तों को बहुत ध्यान से पढ़ें। अधिकांश लोग इसमें जल्दबाजी करते हैं औ बाद उन्हें क्लेम क्लेम सेटलमेंट के लिए बड़ी समस्या होती है। इसलिए इन बातों का विशेष ध्यान रखें। इसके अलावा हेल्थ पॉलिसी में परिवार के सदस्यों को शामिल करने के साथ क्रिटिकल इलनेस और नए जमाने की सेवाएं जैसे टेलीमेडिसिन, होमकेयर, डोमिसिलरी और डेकेयर जैसी चीजों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है।
ये पढ़ें: कच्चे तेल के बढ़े भाव के बीच पेट्रोल डीजल के नए रेट्स जारी, जानें क्या है आपके शहर में दाम