दिल्ली एनसीआर में खासकर नोएडा में पिछले दो वर्षों में मिड सेगमेंट और प्रीमियम हाउसिंग डेवलपर्स द्वारा बिक्री मे पॉजिटिव इंक्रीज और डिमांड दिखाई है। वैश्विक महामारी कोविड 19 के कारण रियल्टी मार्केट स्टेबल जरूर हुई, जिसमें होम लोन इंटरेस्ट रेट में तेज वृद्धि और प्रॉपर्टी की आसमान छूती कीमतों के कारण बायर पहले मिड सेगमेंट के घरों में इन्वेस्ट करने से दूर हो गए थे। फिर भी बायर्स की भारी आमद के साथ रियल्टी मार्केट में उछाल लौट आया है, जो एक सकारात्मक प्रवृत्ति है। वर्तमान बाजार सिनेरियो में मिडिल इनकम ग्रुप की इकनोमिक पावर और इसके मजबूत होने के साथ तेजी से बढ़ने की उम्मीद है, जो रियल एस्टेट के बारे में सही है।
वैश्विक महामारी कोविड 19 के बाद से होम बायर्स के रुझान में बड़ा चेंज आया है। इसके चलते अब होम बायर्स लग्जरी और प्रीमियम महंगे घर खरीदने पर जोर दे रहे हैं। होम बायर्स के बीच अब 2 बीएचके नहीं बल्कि 3 बीएचके पहली पसंद बन गया है। इसकी वजह घर के साथ ऑफिस (वर्क फ्रॉम होम) कल्चर मुख्य वजह है। प्रॉपर्टी कंसल्टिंग फर्म नाइट फ्रैंक रिपोर्ट के अनुसार, मिड सेगमेंट के घरों की खरीदारी 35% से बढ़कर 38% और प्रीमियम अपार्टमेंट की 25% से बढ़कर 30% हो गई है। रिपोर्ट में 2018 के बाद से प्रीमियम और मिड सेगमेंट के आवासों की बिक्री में वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है।
दीपक कपूर, डायरेक्टर, गुलशन ग्रुप कहा कि मिड सेगमेंट और लक्जरी रेजिडेंस की बिक्री में वृद्धि, विकल्पों और अपेक्षाओं में उल्लेखनीय बदलाव का संकेत देती है। यह प्रवृत्ति अधिक भव्य और अच्छी तरह से सुसज्जित घरों की तलाश करने वाले खरीदारों के बढ़ते बाजार का संकेत देती है।
संजय शर्मा, डायरेक्टर, एसकेए ग्रुप ने कहा कि प्रीमियम घरों की मांग मजबूत बनी हुई है, जो लंबी अवधि के मूल्य और महंगी संपत्तियों के रिटर्न में खरीदारों के विश्वास को दर्शाता है। महंगे घरों की मांग में वृद्धि तब हुई है जब पूरे भारत में आवासीय संपत्ति की कीमतों में 2-10% की वृद्धि हुई है, जो खरीदारों की प्रीमियम घरों में निवेश करने की इच्छा और बाजार की क्षमता को उजागर करती है। भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है क्योंकि मध्य खंड और लक्जरी घरों की मांग काफी बढ़ रही है। यह पैटर्न भारतीय गृहस्वामियों की बदलती इच्छाओं को दर्शाता है, जो अधिक सुविधा संपन्न संपत्तियों की तलाश में हैं.
यश मिगलानी, एमडी, मिगसन ग्रुप ने कहा की कोरोना के पश्चात अवश्य जी डिमांड में फर्क पड़ा है. इस बार की हाउसिंग सेल से यह स्पष्ट है की मिड सेगमेंट और प्रीमियम यूनिट्स के बायर्स कुछ लंबे समय तक दूर रहने के बाद रियल एस्टेट में इन्वेस्ट करने के लिए वापस आ गए हैं, क्योंकि इकनोमिक कंडीशन को ठीक होने में कुछ समय लगा।