इंडिया न्यूज. नई दिल्ली।
Imf Chief Economist Gita एक समय ऐसा था कि कभी यह महिला बचपन में पढ़ाने में बहुत अच्छी नहीं थी। लेकिन उसके बाद भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इस महिलाओं को अपने सबसे अहम पद पर नियुक्त किया है। भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्ट नियुक्त किया है। आईएमएफ ने गोपीनाथ को जो जिम्मेदारी सौंपी है, यह यहां का दूसरा सबसे अहम पद है। हालांकि इससे पहले गीता गोपीनाथ आईएमएफ में मुख्य अर्थशास्त्री की भूमिका निभा रहीं थी। उनको यहां फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्ट के लिए प्रमोट किया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई भारतीय मूलवंशी को आईएमएफ में इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।
छोड़ना चाहती थींं आईएमफ Imf Chief Economist Gita
गीता गोपीनाथ आईएमफ को छोड़ने का मन बनाया था,लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की फर्स्ट डिफ्टी मैनेजिंग डारेक्टर बनाने के बाद वह अपनी सेवाएं यहां देती रहेगी। गोपीनाथ का आईएमफ छोड़ने का इरादा यह था कि वह वापस से अध्यपान के क्षेत्र में जाना चाह रही थीं। 2022 जनवरी में वे हार्वर्ड विश्वविद्यालय को जॉवइन करने वाली थीं।
गीता गोपीनाथ का जन्म भारत में हुआ है। वह अमेरिका की मूल निवासी हैं। वे बचपन में पढ़ाई में बहुत अच्छी नहीं थीं। इस बात का खुलासा उनके पिता ने एक इंटरव्यू किया था। उनके पिता का कहना था कि वे कक्षा सातवीं तक गीता के 45 फीसदी नंबर आते थे लेकिन इसके बाद वह 90 फीसदी नंबर लाने लगीं। मैंने कभी अपने बच्चों पर पढ़ाई के लिए दबाव नहीं डाला और उन पर किसी तरह की पाबंदियां नहीं लगाईं। उन्होंने बताया कि स्कूल के बाद गीता ने मैसूर में महाराजा पीयू कॉलेज जॉइन किया और साइंस की पढ़ाई की। वह चाहतीं तो इंजीनियरिंग या मेडिसिन में जा सकती थीं। लेकिन उन्होंने इकनॉमिक्स में बीए (ऑनर्स) करने का फैसला किया।
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दिल्ली से पुराना नाता Imf Chief Economist Gita
भारतीय मूलवंशी व अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्ट गीता गोपीनाथ ने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में ऑनर्स की पढ़ाई की। उन्होंने 1992 में यहां से ऑनर्स किया और फिर दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में ही मास्टर की पढाई पूरी की। इसके बाद 1994 में वह वाशिंगटन यूनिवर्सिटी चली गईं। साल 1996 से 2001 तक उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की। इसके अलावा उन्होंने व्यापार एवं निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मुद्रा नीतियां, कर्ज और उभरते बाजारों की समस्याओं पर लगभग 40 शोध-पत्र भी लिखे हैं।
वहीं, गीता का इसी साल अमेरिका के कार्नेगी कॉरपोरेशन सम्मान से नवाजा गया है। अमेरिका में मिलने वाला कार्नेगी कॉरपोरेशन सम्मान अमेरिकी समाज और लोकतंत्र को समृद्ध एवं मजबूत करने वालों को दिया जाता है।
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