IMF First Deputy Managing Director Gita Gopinath
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
बीते कुछ वर्षों में भारत को रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है और पूंजीगत प्रवाह के जोखिम को कम करने के लिए भारत के पास कुछ सुरक्षा उपाय हैं। यह कहना है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का। आईएमएफ की पहली उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने प्रेसवार्ता में कहा कि पूंजीगत प्रवाह के अनेक लाभ होते हैं।
वे आवश्यक निवेशों के लिए वित्तपोषण उपलब्ध करवाते हैं और कुछ प्रकार के जोखिमों के खिलाफ सुरक्षा भी प्रदान करते हैं। वहीं भारत में पूंजी प्रवाह होने से देशों को कई लाभ होते हैं और उन पूंजी प्रवाहों को प्राप्त करने से भी लाभ होता है। एक सवाल के जवाब में गीता गोपीनाथ ने कहा कि बड़ी मात्रा में पूंजी प्रवाह होने से अन्य प्रकार के वित्तीय जोखिम जुड़े होते हैं।
उन्होंने कहा कि जहां तक भारत की बात है तो वहां बड़ी संख्या में पूंजी प्रतिबंध पहले से लागू हैं। बाहरी माहौल के बदलावों से निपटने के लिए भारत की सरकार इन प्रतिबंधों का इस्तेमाल काफी सक्रियता के साथ करती है। इस दौरान आईएमएफ ने पूंजी प्रवाह के उदारीकरण और प्रबंधन पर संस्थागत दृष्टिकोण की समीक्षा पर एक दस्तावेज जारी किया।
गीता गोपी नाथ ने कहा कि भारतीय इकोनॉमिक में पूंजी प्रवाह के हिसाब से कई सुरक्षा व्यवस्थाएं हैं। लेकिन यह अभी भी अपने पूंजी खातों को उदार बनाने की प्रक्रिया में है। जैसे-जैसे उसका वित्तीय बाजार गहरा होगा, वित्तीय संस्थान गहरे होंगे, यह पूंजी प्रवाह के अधिक रूपों की अनुमति देने की ओर बढ़ सकता है।
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