इंडिया न्यूज :
Impact of New Wage Code on Salary : न्यू वेज कोड के मुताबिक टेक होम पे या हाथ में आने वाली सैलरी घट सकती है़, जबकि पीएफ जैसी सामाजिक सुविधाओं के फंड में इजाफा हो सकता है।
जब तक नया कोड लागू नहीं होता, तब तक कर्मचारियों की सैलरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अभी पुराना नियम ही जारी रहने की संभावना दिख रही है। लेकिन, जब भी ये लागू होगा तब आपका पूरा सैलरी स्ट्रक्चर बदल जाएगा।
चर्चा यही है कि नए स्ट्रक्चर में बेसिक सैलरी 50 फीसदी हो जाएगी। इससे आपकी रिटायरमेंट सेविंग्स बढ़ेंगी। भत्तों की मोटी रकम अब कम होगी।
ऐसे में मौजूदा स्ट्रक्चर के मुकाबले सैलरी कम होने की आशंका है लेकिन एक तरीका है जिससे आपकी सैलरी घटेगी नहीं, बल्कि बढ़ेगी।
अलाउंस का पार्ट कम होगा (Impact of New Wage Code on Salary)
सरकार ने 29 श्रम कानूनों को जोड़कर 4 कोड्स तैयार किए। इन्हें न्यू वेज कोड का नाम दिया गया है। वेज कोड में प्रावधान है कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को जो सैलरी देंगी, उसमें बेसिक सैलरी का हिस्सा कुल सैलरी (सीटीसी) के 50 फीसदी होगा।
अभी तक कंपनियां बेसिक सैलरी पार्ट कम रखती हैं और रीइंबर्समेंट-अलाउंस वाला हिस्सा ज्यादा रखती हैं। इनमें लीव ट्रैवल अलाउंस (एलटीए), ओवरटाइम और कन्वियांस जैसे भत्ते शामिल हैं।
ये है मौजूदा स्ट्रक्चर (Impact of New Wage Code on Salary)
जैसे की आपकी मंथली सीटीसी 1.5 लाख रुपए यानी सालाना पैकेज 18 लाख रुपए का है और आप सेक्शन 80सी के तहत निवेश पर अधिकतम टैक्स 1.50 लाख रुपए की छूट ले सकते हैं।
अगर कंपनी आपको सेक्शन 80सीसीडी(2) के तहत नेशनल पेंशन स्कीम का फायदा दे रही है तो नियम के मुताबिक, बेसिक सैलरी का 10फीसदी एनपीएस में जाता है और वह टैक्स फ्री होता है।
मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर में बेसिक सैलरी सीटीसी का 32 फीसदी होती है। इस लिहाज से 1.50 लाख की मंथली सीटीसी में बेसिक सैलरी 48,000 रुपए होगी। फिर 50 प्रतिशत यानी 24,000 रुपए एचआरए तो एनपीएस में बेसिक (48,000 रुपए) का 10 फीसदी यानी, 4,800 रुपए जाएगा।
बेसिक सैलरी का 12 फीसदी प्रॉविडेंट फंड में जाता है तो 5,760 रुपए हर महीने ईपीएफ में जाएंगे। इस तरह आपकी मंथली 1.50 लाख रुपए की सीटीसी में 82,560 रुपए हो गए।
मतलब है कि बाकी 67,440 रुपए अन्य मदों के जरिए दिए जा रहे हैं. इनमें स्पेशल अलाउंस, फ्यूल ऐंड ट्रांसपोर्ट, फोन, अखबार और किताबें, सालाना बोनस में मासिक हिस्सेदारी, ग्रेच्युटी जैसे कंपोनेंट शामिल हैं।
मान लीजिए सालाना बेसिक सैलरी 9 लाख रुपए होगी तो एचआरए 4,50,000 रुपए हो जाएगा लेकिन आपको छूट 2,42,400 रुपए पर ही टैक्स छूट मिलेगी। मतलब 2,07,600 रुपए पर टैक्स देना होगा।
पहले आपको एचआरए के मद में मिल रहे सिर्फ 45,600 रुपए पर टैक्स देना होता था। नए सैलरी स्ट्रक्चर में एचआरए पर टैक्स में भारी बढ़ौतरी होने जा रही है।
अगर आप एनुअल सीटीसी पर टैक्स की तुलना करेंगे तो अभी आपको 1.10 लाख (कुल उळउ का 6.1 फीसदी) टैक्स देना होता है, जो नए स्ट्रक्चर में 1.19 लाख रुपए (कुल सीटीसी का 6.6 फीसदी) टैक्स देना पड़ेगा।
नए स्ट्रक्चर में आपकी टेक होम सैलरी घट जाएगी. लेकिन, आप चाहते हैं इसका कुछ विकल्प निकाला जाए तो आपके पास एक रास्ता है. आप एनपीएस को छोड़ सकते हैं क्योंकि उसमें पैसे डालना या नहीं डालना, आपकी मर्जी पर निर्भर करता है। ईपीएफ के साथ ऐसा नहीं है, ईपीएफ में आपकी बेसिक सैलरी का 12फीसदी तो देना ही होता है।
अगर मान लो मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर में टेक होम सैलरी 1.14 लाख रुपए है, लेकिन नए स्ट्रक्चर में टेक होम सैलरी घटकर 1.08 लाख रुपए होगी।
अगर ठढर का आप्शन छोड़ते हैं तो यह बढ़कर 1.15 लाख रुपए हो जाएगी। पहले स्ट्रक्चर में टैक्स 1.10 लाख रुपए (सीटीसी का 6.14 फीसदी) देना होता है।
नए स्ट्रक्चर में यह बढ़कर 1.19 लाख रुपए (सीटीसी का 6.6 फीसदी) होगा। एनपीएस छोड़ने पर भी टैक्स में कोई असर नहीं पड़ेगा और आपको 1.19 लाख रुपए ही देने होंगे।
मौजूदा स्ट्रक्चर में इस सैलरी ब्रैकेट वालों की रिटायरमेंट सेविंग 1.96 लाख रुपए (सीटीसी का 10.9 फीसदी) है, जो नए स्ट्रक्चर में बढ़कर 3.06 लाख रुपए (सीटीसी का 17 फीसदी) हो जाएगी।
एनपीएस छोड़ने पर रिटायरमेंट सेविंग 1.96 लाख रुपए की जगह 2.16 लाख रुपए (सीटीसी का 12 फीसदी) हो जाएगी। ऐसे में आपकी टेक होम सैलरी बढ़ जाएगी। Impact of New Wage Code on Salary
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