इन्फिनिटी फोरम का उद्घाटन
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इन्फिनिटी फोरम का उद्घाटन किया। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया। इस दौरान उनका जोर फिनटेक क्षेत्र के विकास के लिए सरकार के स्तर पर किए जा रहे प्रयासों पर रहा। यह फोरम 2 दिन तक चलेगा और इसमें विश्व के 70 देश हिस्सा ले रहे हैं।
इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे इस फोरम का उद्घाटन करते हुए बहुत खुशी हो रही है। बिना किसी भौतिक शाखा कार्यालय के पूरी तरह से डिजिटल बैंक आज एक वास्तविकता है और एक दशक से भी कम समय यह आम बात हो सकती है।
उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि भारत तकनीक और इनोवेशन को कितना तेजी से अपना रहा है। डिजिटल इंडिया ने कई दरवाजे खोल दिए हैं। मोदी ने कहा कि करेंसी का इतिहास जबरदस्त विकास दिखाता है। जैसे-जैसे इंसान विकसित हुआ, वैसे-वैसे हमारे लेन-देन के तरीके में भी बदलाव आया। पहले यह सामानों का लेन-देन का तरीका था। फिर सिक्कों तक यह पहुंचा। इसके बाद नोट का चलन हुआ और फिर चेक के जरिए इसमें बदलाव लाया गया। हालांकि आज यह पूरी तरह से डिजिटल में बदल गया है।
फिनटेक पहल को फिनटेक क्रांति में बदलने का समय
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब फिनटेक पहल को फिनटेक क्रांति में बदलने का समय आ गया है। एक क्रांति जो देश के हर एक नागरिक को वित्तीय सशक्तिकरण प्रदान करती है। हम अपने अनुभवों और विशेषताओं को दुनिया के साथ साझा करने में विश्वास रखते हैं। उनसे सीखने में भी विश्वास रखते हैं। हमारे डिजिटल पब्लिक इंफ्रा दुनिया भर के नागरिकों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले साल भारत में मोबाइल भुगतान ने पहली बार एटीएम नकद निकासी को पार कर लिया। मुद्रा का इतिहास जबरदस्त विकास दिखाता है। जैसे-जैसे मनुष्य विकसित हुआ, वैसे-वैसे हमारे लेन-देन का तरीके में भी परिवर्तन आया। वस्तु विनिमय प्रणाली से धातुओं तक, सिक्कों से लेकर नोटों तक, चेक से लेकर कार्ड तक। आज हम बहुत आगे आकर यहां तक पहुंच गए हैं।
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