India Ratings Report
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
वर्षों तक कई तरह की चुनौतियों का सामना करने वाले गैर-बैंकिंग कर्जदाताओं की स्थिति वित्त वर्ष 2022-23 में जाकर सामान्य बनती नजर आ रही है। घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया कि गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां (NBFC) वित्त वर्ष 2022-23 में पर्याप्त पूंजीगत बफर, टिकाऊ मार्जिन और ठीक-ठाक बही-खाता प्रावधान करती हुई दिखाई देंगी जबकि समुचित प्रणालीगत तरलता से उन्हें कोष जुटाने में भी मदद मिलेगी।
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक अगले वित्त वर्ष में एनबीएफसी की ऋण वृद्धि दर बढ़कर 14 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि वर्ष 2021-22 में यह आठ प्रतिशत ही रह सकता है। रिपोर्ट में एनबीएफसी क्षेत्र के लिए ‘तटस्थ’ परिदृश्य और ‘टिकाऊ’ रेटिंग परिदृश्य जताते हुए कहा गया है कि कोई नकारात्मक घटना न होने पर उसकी अपेक्षाएं खरी साबित होंगी।
वर्ष 2017 में आईएलएंडएफएस की चूक के बाद से ही NBFC इकाइयों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। महामारी फैलने के बाद से एनबीएफसी की तरलता प्रभावित हुई है।
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