Wednesday, November 20, 2024
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Inflation ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए बढ़ी महंगाई, ये रहा मुख्य कारण

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Inflation

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
ग्रामीण क्षेत्रों में जनवरी में खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से महंगाई दर में उछाल आया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ खाद्य उत्पादों की कीमतें बढ़ने के कारण कृषि कामगारों एवं ग्रामीण श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.49 प्रतिशत और 5.74 प्रतिशत हो गई है। यह आंकड़े श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने जारी किए हैं।

श्रम मंत्रालय (Labor Ministry) के मुताबिक कृषि कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-एएल) पर आधारित मुद्रास्फीति दर जनवरी 2022 में 5.49 प्रतिशत रही जबकि ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आरएल) पर आधारित मुद्रास्फीति दर 5.74 प्रतिशत रही। श्रम मंत्रालय के अनुसार इसके पहले दिसंबर 2021 में कृषि कामगारों के लिए महंगाई दर 4.78 प्रतिशत और ग्रामीण श्रमिकों के लिए 5.03 प्रतिशत रही थी। जनवरी 2021 में सीपीआई-एल 2.17 प्रतिशत और सीपीआई-आरएल 2.35 प्रतिशत रही थी

बता दें कि सब्जी, मांस, मछली जैसे खाद्य वस्तुएं महंगी होने से जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर सात महीने के उच्च स्तर 6.01 प्रतिशत पर पहुंच गई है। खुदरा महंगाई दर का यह स्तर रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे से थोड़ा ऊपर है।

ग्रामीण श्रमिकों के लिए खाद्य मुद्रास्फीति 4.33 प्रतिशत

वहीं 2022 के पहले महीने में खाद्य उत्पादों की कीमतें बढ़ने के कारण कृषि कामगारों एवं ग्रामीण श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति दर बढ़ गई है। जनवरी में कृषि कामगारों के लिए खाद्य मुद्रास्फीति 4.15 प्रतिशत रही जबकि ग्रामीण श्रमिकों के लिए यह 4.33 प्रतिशत रही। दिसंबर 2021 में यह क्रमश: 2.99 प्रतिशत और 3.17 प्रतिशत रही थी। राष्ट्रीय स्तर पर सीपीआई-एएल दिसंबर 2021 की तुलना में जनवरी 2022 में 2 अंक घटकर 1,095 पर आ गया जबकि सीपीआई-आरएल एक अंक की कमी के साथ 1,105 अंक पर रहा।

सबसे ज्यादा गिरावट उत्तर प्रदेश (Inflation)

राज्यों में सबसे ज्यादा गिरावट उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई जहां दोनों ही श्रेणियों में महंगाई सूचकांक में 9-9 अंक की कमी आई है। वहीं इसके उलट सीपीआई-एल में सर्वाधिक 8 अंकों का उछाल हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में आया है।

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