Inflation
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
राष्ट्रीय समस्या महंगाई इस बार आम आदमी पर चौरताफा हमला करने को उतारू है। जहां एक ओर कच्चा तेल से लेकर, आभूषण, गेहूं की कीमतें बढ़ रही हैं, वहीं अब जीने के लिए सबसे जरूरी चीज माने जाने वाली दवाई के रेट भी बढ़ने के आसार हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अप्रैल से अधिसूचित दवाएं 10 प्रतिशत तक महंगी हो सकती हैं। राष्ट्रीय दवा मूल्य नियामक थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) में हुए बदलाव के हिसाब से इन दवाओं की कीमतें बढ़ाने की इजाजत दे सकता है। भारत में 1.6 लाख करोड़ रुपए मूल्य के दवा बाजार में अधिसूचित दवाओं की हिस्सेदारी 17-18 प्रतिशत है। अधिसूचित दवाओं का मूल्य सरकार तय करती है।
दवा उद्योग अनुमान है कि डब्ल्यूपीआई में बदलाव के आधार पर एनपीपीए अधिसूचित दवाओं की कीमतों में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी की अनुमति दे सकता है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के कार्यालय के अनुसार जनवरी 2022 में थोक मूल्य महंगाई 12.96 प्रतिशत थी जो जनवरी 2021 में 2.51 प्रतिशत थी।
हर साल मार्च में नियामक थोक महंगाई की होती है समीक्षा
राष्ट्रीय औषधि मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए) औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश, 2013 के दायरे में आने वाली दवाओं का मूल्य निर्धारित करता है। हर साल मार्च में नियामक थोक महंगाई में सालाना बदलाव देखकर तय करता है कि दवा कंपनियां दाम कितने बढ़ा सकती हैं।
अधिसूचित दवाएं आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) में आती हैं। इस सूची में एंटीबायोटिक , विटामिन, मधुमेह, रक्तचाप नियंत्रक सहित अन्य दवाएं आती हैं। दवा कंपनियां गैर-अधिसूचित दवाओं के दाम हर साल 10 प्रतिशत तक बढ़ा सकती हैं। बढ़ी हुई कीमतें प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल से प्रभावी होती हैं। गैर-अधिसूचित दवाएं मूल्य नियंत्रण के दायरे में नहीं आती हैं।
NPPA के साथ काम कर चुके एक पूर्व सरकारी अधिकारी के मुताबिक इस वर्ष अप्रैल में अधिसूचित दवाओं की कीमतें बढ़ीं तो यह डीपीसीओ 2013 के बाद से दाम में सबसे बड़ा इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि हमें हर साल 0.5 प्रतिशत से 4 प्रतिशत तक दाम बढ़ाने की अनुमति मिलती है, जो अधिकतम होती है। ऐसी करीब 800 दवाएं हैं जो मूल्य नियंत्रण के दायरे में आती हैं। अगर दाम 10 प्रतिशत तक बढ़ते हैं तो 2013 के बाद पहली बार ऐसा होगा जब इतना बड़ा इजाफा होगा।
Also Read : Share Market Open : नहीं थम रही बिकवाली, सेंसेक्स 1100 अंक लुढ़का
Also Read : LIC ने सुनील अग्रवाल को नियुक्त किया चीफ फाइनेंशियल आफिसर