Tuesday, November 19, 2024
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Inflation Rate In America अमेरिका में महंगाई ने तोड़ा 40 साल का रिकार्ड, जनता का हाल बेहाल

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Inflation Rate In America

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
महंगाई (Inflation) की मार सिर्फ भारत पर ही नहीं बल्कि विश्व के विकसित देशों में शुमार अमेरिका पर भी बुरी तरह पड़ रही है। अमेरिका में महंगाई से लोगों का हाल बेहाल हो रहा है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में महंगाई ने बीते 40 सालों के नए उच्च स्तर को टच किया है। अमेरिका में जनवरी में मुद्रास्फीति की दर 12 महीने पहले की तुलना में बढ़कर 7.5 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। महंगाई बढ़ने के कारण फेडरल रिजर्व पर इंट्रेस्ट रेट बढ़ाने का दबाव बढ़ रहा है।

वर्कर्स की कमी, सप्लाई-चेन प्रॉब्लम, ऐतिहासिक लो इंट्रेस्ट रेट और खर्च में तेजी के कारण पिछले एक साल से महंगाई तेजी से बढ़ रही है। दूसरी तरफ बॉन्ड यील्ड में भी तेजी आ रही है। वीरवार को जारी आंकड़ों पर गौर करें तो 10 साल के बॉन्ड पर यील्ड 2 फीसदी के पार हो गई।

यह अगस्त 2019 के बाद सबसे ऊपर है। बॉन्ड यील्ड में इतना उछाल और महंगाई में तेजी से निवेशकों की रकम पर भी असर पड़ता है। अमेरिका के महंगाई के इन आंकड़ों को लेकर वहां की सरकार का कहना है कि किराये, बिजली और खाने की कीमतों में तेजी की वजह से महंगाई दर में बढ़त देखने को मिली है।

मंथली आधार पर महंगाई में उछाल

एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में मंथली आधार पर महंगाई (Inflation) में उछाल आ रहा है। दिसंबर के मुकाबले जनवरी में महंगाई में 0.6 फीसदी की तेजी आई है। अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में महंगाई दर में 0.7 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी, जबकि सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में महंगाई में 0.9 फीसदी का उछाल आया था। अमेरिका में हालात ये हैं कि लोग भोजन, गैस, किराया, बच्चे की देखभाल और अन्य आवश्यकताओं को वहन करने में सक्षम नहीं हैं।

अर्थशास्त्रियों के अनुसार, मुद्रास्फीति की बढ़ती दर अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़े जोखिम कारक के रूप में उभरी है और इस साल के अंत में मध्यावधि चुनाव के रूप में राष्ट्रपति जो बिडेन और कांग्रेस के डेमोक्रेट के लिए एक गंभीर खतरा बन गई है।

Bond Yield बढ़ने से लोन पर इंट्रेस्ट रेट भी बढ़ेगा

बताया गया है कि अमेरिक में आर्थिक सुधार में तेजी के कारण यील्ड में तेजी देखी जा रही है। बॉन्ड यील्ड (Bond Yield) अगस्त 2019 के बाद पहली बार 2 फीसदी के पार किया है। बढ़ती महंगाई ने बॉन्ड की कीमत को कम कर दिया है जिससे यील्ड बढ़ गया है जब बॉन्ड की कीमत घटती है तो यील्ड बढ़ती है, जब बॉन्ड की कीमत बढ़ती है तो यील्ड घटती है। बॉन्ड यील्ड (Bond Yield) बढ़ने के कारण यह निवेशकों को ज्यादा आकर्षित करता है जिसके कारण बैंकों को डिपॉजिट पर इंट्रेस्ट रेट बढ़ाना होता है। डिपॉजिट पर ज्यादा इंट्रेस्ट देने पर बैंकों को लोन पर इंट्रेस्ट रेट भी बढ़ाना होगा.

कई बिगड़ न जाएं Share Market का सेंटिमेंट

ऐसी भी संभावना है कि बढ़ती यील्ड के कारण फेडरल रिजर्व इस साल 3-4 बार इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इंफ्लेशन में उछाल के कारण यील्ड में तेजी है। इससे शेयर बाजार के सेंटिमेंट पर बुरा असर होता है। दरअसल, जब निवेशक बॉन्ड में ज्यादा निवेश करने लगते हैं तो मांग बढ़ने के कारण भी यील्ड बढ़ जाती है।

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