Thursday, November 28, 2024
Thursday, November 28, 2024
HomeIndia Newsपीएम मोदी ने आईएनएस विक्रांत को नौसेना को किया समर्पित, नौसेना के...

पीएम मोदी ने आईएनएस विक्रांत को नौसेना को किया समर्पित, नौसेना के नए ध्वज का भी किया अनावरण

- Advertisement -

INS Vikrant Inducted into Navy

इंंडिया न्यूज,कोच्चि। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को देश को पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया। इस कार्यक्रम के दौरान औपनिवेशिक अतीत से अलग तथा समृद्ध भारतीय सामुद्रिक विरासत के अनुरूप प्रधानमंत्री ने नौसेना के नये ध्वज (निशान) का भी अनावरण किया। मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केरल के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सर्बानन्द सोनोवाल, वी. मुरलीधरन, अजय भट्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार तथा अन्य उपस्थित थे।

स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को सच होता रहे देख

यहां पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज यहां केरल के समुद्री तट पर भारत, हर भारतवासी, एक नये भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। आईएनएस विक्रांत पर हो रहा यह आयोजन विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है। उन्होंने कहा कि आज हम सब स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को सच होता देख रहे हैं, जिसमें उन्होंने सक्षम और शक्तिशाली भारत की परिकल्पना की थी।

भारत एयरक्राफ्ट कैरियर निर्माण करने वाले देशों में शामिल

पीएम ने कहा कि विक्रांत विशाल, विराट और विहंगम है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है। यह 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यदि लक्ष्य दूरंत हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनन्त हैं  तो भारत का उत्तर है विक्रांत। आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत। पीएम ने कहा कि आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करते हैं।

विक्रांत है एक तैरत शहर

विमान वाहक पोत की विशालता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक तैरते हुए शहर की तरह है। यह इतनी बिजली पैदा करता है जो 5000 घरों के लिये पर्याप्त होगी और इसमें जितने तार का इस्तेमाल हुआ है, उसे फैलाया जाये तो वह कोच्चि से काशी पहुंच जायेगा। आईएनएस विक्रांत पांच प्रणों की भावना का समुच्चय है, जिसका उद्घोष उन्होंने लाल किले की प्राचीर से किया था।

अब तक नौसेना के ध्वज पर थी गुलामी की पहचान

प्रधानमंत्री ने भारतीय सामुद्रिक परंपरा और नौसैन्य क्षमताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने इस समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी। जब अंग्रेज भारत आये तो वे भारतीय जहाजों और उनके जरिये होने वाले व्यापार की ताकत से घबराये रहते थे, इसलिये उन्होंने भारत के समुद्री सामर्थ्य की कमर तोड़ने का फैसला किया। इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिये गये थे। आज 2 सितंबर, 2022 वह ऐतिहासिक तारीख है, जब भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है। अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी, लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहरायेगा।

पहले समुद्री सुरक्षा को किया जाता था नजरअंदाज

बदलती भू-रणनीतिक परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि पहले के समय भारत-प्रशांत क्षेत्र और हिंद महासागर में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाता रहा, लेकिन आज ये क्षेत्र हमारे लिये देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता हैं। इसलिये हमारी सरकार ने नौसेना के लिये बजट बढ़ाने से लेकर उसकी क्षमता बढ़ाने तक हर दिशा में काम कर रहे हैं।

 जानिए आईएनएस विक्रांत के बारे में

आईएनएस विक्रांत का डिजाइन भारतीय नौसेना की संस्था वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है। इसका निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की शिपयार्ड कंपनी, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है। विक्रांत का निर्माण अत्याधुनिक स्वचालित विशेषताओं से लैस है और वह भारत के सामुद्रिक इतिहास में अब तक का सबसे विशाल निर्मित पोत है। विक्रांत के लोकार्पण के साथ भारत के पास दो सक्रिय विमान वाहक पोत हो गए हैं। इससे देश की समुद्री सुरक्षा को बड़ा बल मिलेगा।

इसको भी पढ़ें:

इसे पढ़ें: राकेश झुनझुनवाला के निधन पर पीएम मोदी समेत देश की प्रमुख हस्तियों ने किया याद, आज शाम पांच बजे मालाबार हिल होगा अंतिम संस्कार

Connect With Us: Twitter | Facebook |Instagram Youtube

SHARE
Koo bird

MOST POPULAR