Investing In Global Funds: गुजरते साल के साथ पढ़ाई का खर्च पिछले साल के मुकाबले अत्यधिक बढ़ जाता हैं। जब विदेश में हायर एजुकेशन की बात होती हैं तो एक बड़ी रकम के साथ ही होती हैं और इस टाइम में ग्लोबल फंड में निवेश आपका काम आसान कर सकता हैं। इंडियन मार्केट में अगर गिरावट हो तो निवेशकों को यूएस मार्केट में बढ़त का फायदा मिल सकता हैं। ग्लोबल फंड में इन्वेस्टमेंट निवेशकों को डायवर्सिफाई करने में मदद करता हैं।
इन्वेस्टमेंट करते समय टैक्स का ध्यान रखना हैं जरूरी (Investing In Global Funds)
इस फंड में इन्वेस्टमेंट का एक बड़ा फायदा करेंसी डाइवर्सिफिकेशन के तौर पर मिलता है। रुपये में गिरावट आ जाती है तो ऑटोमेटिक फंड में आपके इन्वेस्टमेंट की वैल्यू बढ़ जाती है। ग्लोबल फंड इन्वेस्टमेंटर्स को फॉरन करेंसी में एक्सपोजर देता है।
इसलिए जब रुपये में गिरावट आती है तो यह निवेश में गिरावट रोकती है। इन्वेस्टमेंटर्स को इन फंड में इन्वेस्टमेंट करते समय ही टैक्सेशन का बहुत अधिक ध्यान रखना चाहिए। तीन साल से कम की होल्डिंग पर शॉट टर्म गेन टैक्स देना पड़ता है। टैक्स की दरें आपके इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक तय होती हंै।
इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो देखना क्यो है जरूरी (Investing In Global Funds)
निवेश को लेकर पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन एक अनिवार्य पहलू है। ग्लोबल फंड में इन्वेस्टमेंट करें तो यह जरूर देखे कि यह आपके पैसे को लगा कहा रहे हैं। आमतौर पर वित्तीय सलाहकार रिस्क रिटर्न प्रोफाइल और निवेशक के लक्ष्य और रिस्क लेने की क्षमता को ध्यान में रखते हैं।
इन्वेस्टमेंट के रिस्क प्रोफाइल के आधार पर सलाहकार कम जोखिम में अधिक रिटर्न के उद्देश्य से एक असेट अलोकेशन स्ट्रैटेजी की सलाह देते हैं इन्वेस्टमेंटर्स को फंड के बेंचमार्क की तुलना में इसके परफॉरमेंस को जरूर देख कर फैसला लेना चाहिए। और कभी भी अपना सारा इन्वेस्टमेंट सिर्फ गलोबल फंड में न करें।
Investing In Global Funds
Read more:- Best Travel Insurance Plan जानिये क्या है बेस्ट ट्रैवल इंश्योरेंस प्लान चुनने का सबसे अच्छा तरीका
Read also:- Post Office Franchise पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी बन सकती है कमाई का जरिया, जानिए कैसे
Read More : FD Interest Rates अगर इन बैंकों में करा रहे एफडी तो ब्याज दरों का रखें ध्यान