Isro And Oppo Deal
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
इंडियन स्पेस रिसर्च आगेर्नाइजेशन (ISRO) ने चीनी कंपनी ओप्पो की भारतीय इकाई के साथ एक करार किया है, जिसका उद्देश्य अपनी संदेश सेवा नाविक (एनएवीआईसी) के अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) को मजबूत करना है। अत: दोनों मिलकर अब नाविक (NavIC) मैसेजिंग सर्विस के रिसर्च व डेवलपमेंट (R&D) को मजबूत करने पर काम करेंगे।
नाविक प्रणाली भारत की मुख्यभूमि पर और उससे बाहर 1,500 किलोमीटर के दायरे में क्षेत्रीय नौवहन सेवा उपलब्ध कराती है। नाविक के जरिए शॉर्ट मैसेजों को ब्रॉडकॉस्ट किया जा सकता है। क्षेत्रीय स्थिति, नौवहन एवं समय संबंधी अपने प्राथमिक कामकाज के अलावा नाविक लघु संदेश प्रसारित करने में भी सक्षम है। इसके अलावा इसका मुख्य कार्य पीएनटी (पोजिशन, नेविगेशन और टाइमिंग) सेवाएं उपलब्ध कराना है।
नाविक मैसेजिंग सर्विस होगी इंटीग्रेटेड
इसरो और ओप्पो इंडिया के बीच जो समझौता हुआ है, उसके तहत नाविक मैसेजिंग सर्विस को मोबाइल हैंडसेट प्लेटफॉर्म के साथ इंटीग्रेटेड किया जाएगा और इसमें भारतीय यूजर्स की जरूरतों का ख्याल रखा जाएगा। इसरो ओर ओप्पो इंडिया भारतीय उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नाविक संदेश सेवा को मोबाइल हैंडसेट से जोड़कर त्वरित, तुरंत उपयोग वाली और ऐंड टू ऐंड एप्लिकेशन केंद्रित समाधानों के लिए ऐप से संबंधित तकनीकी सूचनाओं का आदान प्रदान करेंगे। इस संदेश सेवा का प्रयोग मुख्यत: ऐसे इलाकों, खासकर समुद्र के पास के इलाकों में सुरक्षा संबंधी चेतावनी जारी करने के लिए किया जाता है जहां पर संचार व्यवस्था न के बराबर होती है।
उपभोक्ताओं को मिलेगा सुगम अनुभव (Isro And Oppo Deal)
इस बारे ओप्पो इंडिया के उपाध्यक्ष, इंडिया आरएंडडी के प्रमुख तस्लीम आरिफ ने कहा कि मेक इन इंडिया के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप, ओप्पो उत्पाद को और उत्कृष्ट बनाने में निवेश करेगा। इस नए समझौते के तहत हम उद्योग में अग्रणी हमारी अनुसंधान एवं विकास क्षमताओं के जरिए नाविक एप्लिकेशन के उपभोक्ताओं को सुगम अनुभव देने में इसरो की मदद करेंगे।
उनकी कंपनी अपनी इंडस्ट्री-लीडिंग आरएंडडी क्षमता के जरिए इसरो को मजबूत करेगी। बता दें कि ओप्पो इंडिया का मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट नोएडा में है और आरएंडडी सेंटर हैदराबाद में स्थित है।
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