Tax Collection
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
मार्च का महीना देश और अन्य सभी क्षेत्रों के लिए काफी अहम होता है। लेकिन इस बार इनकम टैक्स कलेक्शन के मोर्चे पर सरकार के लिए भी अच्छी खबर आई है। IT Department ने इतिहास रचते हुए अब तक का सबसे ज्यादा टैक्स कलेक्शन किया है।
सेंट्रल बोर्ड आफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) के चेयरमैन जेबी मोहापात्रा ने बताया है कि देश में चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह (Direct Tax Collections) में 48 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसमें अग्रिम कर संग्रह (Advance Tax Collections) के आंकड़ों से मदद मिली है। महापात्र ने कहा कि अब तक शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष कर संग्रह 13.63 लाख करोड़ रुपए रहा है। यह एक साल पहले समान अवधि की तुलना में यह 48 फीसदी अधिक है।
Net Direct Tax collections for FY 2021- 22 as on 16.03.22 at Rs. 13.63 lakh crore grow at over 48% over collections of corresponding period in preceding yr.
Cumulative Advance Tax collections as on 16.03.22 at Rs. 6.63 lakh crore grow at 40.75% over same period in preceding yr. pic.twitter.com/ssLlYnljAl— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) March 17, 2022
पिछले साल की तुलना में 48 प्रतिशत ज्यादा
महापात्र ने बताया कि सालाना आधार पर शुद्ध संग्रह 2020-21 की समान अवधि से 48.4 फीसदी अधिक है। 2019-20 की तुलना में यह 42.5 फीसदी और 2018-19 की तुलना में 35 फीसदी अधिक है। उन्होंने कहा कि यह पिछले सबसे ऊंचे आंकड़े से 2.5 लाख करोड़ रुपए ज्यादा है। यह आयकर संग्रह का सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
इकोनॉमिक रिकवरी का अच्छा संकेत
जानना जरूरी है कि टैक्स कलेक्शन से इकोनॉमिक रिकवरी का संकेत मिलता है और यह कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था में निरंतर आर्थिक पुनरुद्धार को बताता है। आधिकारिक बयान के अनुसार शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में 16 मार्च, 2022 तक 13.63 लाख करोड़ रुपए रहा। गौरतलब हो कि एक साल पहले 2020-21 की इसी अवधि में यह 9.18 लाख करोड़ रुपए था। लेकिन वर्ष 2021-2022 कळ डिपार्टमेंट ने अब तक का सर्वाधिक टैक्स संग्रहित किया है।
कोरोना से पहले 9.56 लाख करोड़ था Tax Collection
कोरोना महामारी से पूर्व Tax Collection 9.56 लाख करोड़ था। चालू वित्त वर्ष में शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष कर संग्रह महामारी-पूर्व 2019-20 के 9.56 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले 35 फीसदी अधिक है। इस श्रेणी में व्यक्तिगत आय पर कर, कंपनियों को होने वाले लाभ पर कर, संपत्ति कर और उत्तराधिकार कर तथा उपहार कर शामिल हैं।
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