दुनिया का चौथा और भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
आज नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) का शिलान्यास होगा। यह एयरपोर्ट दुनिया का चौथा और भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। करीब 3,300 एकड़ जमीन में फैले इस एयरपोर्ट के निर्माण पर 29 हजार 650 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण का निर्माण 2023-24 तक पूरा होने की उम्मीद है। तमाम सुविधाओं से लैस इस एयरपोर्ट की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि इसमें एक साथ 178 विमान खड़े हो सकेंगे।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिआदित्य सिंधिया की मौजूदगी में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नींव पत्थर रखेंगे। जेवर एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर में औद्योगिक गतिविधियां और सर्विस सेक्टर का बड़ा केंद्र बनेगा। इसके अलावा यह यूपी के औद्योगिक, आर्थिक और पर्यटन के विकास के लिए भी मिल का पत्थर साबित होगा।
इसकी एक और मुख्य खास बात यह है कि यह एयरपोर्ट 4 एक्सप्रेसवे, मेट्रो, बुलेट ट्रेन व पॉड टैक्सी से जुड़ा होगा। मेट्रो और बुलेट ट्रेन का स्टेशन एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग में बनेगा, जिसमें हवाई सफर करने वाले यात्रियों के लिए हर सुविधा का ख्याल रखा गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि ग्लोबल टेंडर के जरिये एटरपोर्ट निर्माण का काम स्विट्जरलैंड की ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी को दिया गया है। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट के पास यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं।
178 विमान खड़े होने की क्षमता
जेवर एयरपोर्ट पर 178 विमान खड़े होने की क्षमता होगी। इसके निर्माण में करीब 30 हजार करोड़ की लागत आएगी। पहले चरण में शुरू होने वाले एयरपोर्ट की क्षमता हर वर्ष 1.20 करोड़ यात्रियों की वार्षिक की होगी। दूसरा चरण 2031 तक कंपलीट होगा और तब एयरपोर्ट की क्षमता 3 करोड़ यात्रियों की हो जाएगी। 2036 में इसकी क्षमता पांच करोड़ और 2040 में 7 करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता का यह एयरपोर्ट हो जाएगा।
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