इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Leaving the Job will be Expensive : इंकम टैक्स विभाग के अथारिटी फार एडवांस रुलिंग के अनुसार नोटिस पीरियड में कर्मचारियों के काम करने के भुगतान पर, ग्रुप इंश्योरेंस पालिसी के लिए कर्मचारियों से अतिरिक्त प्रीमियम लेने और कर्मचारियों के मोबाइल फोन बिल के भुगतान करने पर अब एम्पलायर को जीएसटी देना होगा।
यह हैं नए आदेश (Leaving the Job will be Expensive)
आदेश के मुताबिक नोटिस भुगतान के मामले में कंपनी वास्तव में एक कर्मचारी को एक सेवा प्रदान कर रही है और इसलिए उस पर जीएसटी लागू किया जाना चाहिए।
जीएसटी के नियमों के तहत जीएसटी हर उस गतिविधि पर कर लगाया जाता है जिसे सेवा की आपूर्ति के रूप में देखा जाता है। एक एम्पलाई को अपनी नौकरी छोड़ते समय कंपनी में कुछ दिन का नोटिस पीरियड सर्व करना होता है।
यह टाइम इसलिए लिया जाता है ताकि इस समय में आपकी जगह कंपनी किसी अन्य व्यक्ति को हायर कर सके। आमतौर पर यह नोटिस पीरियड करीब 30 दिन का होता है।
इसके लिए कंपनी आपको भुगतान भी करती है लेकिन अथारिटी फार एडवांस रुलिंग के नए नियमों के मुताबिक इस रकम पर कंपनी को जीएसटी भरना होगा।
पालिसी और अन्य बिलों पर भी जीएसटी का बोझ (Leaving the Job will be Expensive)
एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने यदि कोई ग्रुप इंश्योरेंस पालिसी ले रखी है और उसके प्रीमियम का एक हिस्सा अपने कर्मचारी से वसूलती है तो उस अतिरिक्त प्रीमियम रकम पर भी कंपनी को जीएसटी का भुगतान करना होगा।
साथ ही अगर कंपनी मोबाइल बिल का भुगतान कंपनी करती है तो उस पर भी जीएसटी देना होगा, जबकि मोबाइल बिल पर पहले से ही जीएसटी देना होता है।
कर्मचारियों की जेब पर असर (Leaving the Job will be Expensive)
वैसे तो अथारिटी फार एडवांस रुलिंग के आदेश के मुताबिक इन सेवाओं पर जीएसटी कंपनियों को देना होगा लेकिन जाहिर सी बात है कि कंपनियां अधिकतर इस तरह की सेवाओं का बोझ कर्मचारियों पर ही डाल देती हैं जिसका सीधा असर कर्मचारियों की ही जेब पर पड़ेगा।
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