इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
LIC Mutual Fund भारतीय जीनव बीमा (एलआईसी) म्यूचुअल फंड ने उम्मीद जताई है कि वह दिसंबर के अंत में अपने इक्विटी फंड को 2 हजार करोड़ रुपए तक दोगुना कर पाएगी। एलआईसी म्यूचुअल फंड ने वर्ष 1989 में अपना कारोबार शुरू किया था और हाल ही में कंपनी अपना इक्विटी फंड को पेश किया था। वहीं, कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के आखिरी तक परिसंपत्तियों (एयूएम) को 25,000 करोड़ रुपये पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
एलआईसी म्यूचुअल फंड के एक अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार कंपनी ने पांच से छह पहले ही इक्विटी योजनाएं बाजार में लाई है और उसके पास अभी 20,000 करोड़ रुपये के एयूएम का लगभग 30 प्रतिशत हैं। कंपनी इसे दिसंबर के अंत तक 2,000 करोड़ रुपये तक और एयूएमयू को 20,000 करोड़ रुपये से 25,000 करोड़ रुपये तक ले जाने की संभावना जताई है। आगे उन्होंने कहा कि कंपनी के नए फंड में वृद्धि से इक्विटी एयूएम में 7,500 करोड़ रुपये के साथ वित्त वर्ष को समाप्त करना चाह रही है। अगर हम नए फंड के साथ 2,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार लेते हैं तो यह हमारा शीर्ष इक्विटी फंड बन जाएगा।
म्यूचुअल फंड क्या होता है (LIC Mutual Fund)
म्यूचुअल फंड में कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है। इस फंड में से फिर बाज़ार में निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा मैनेज किया जाता है। प्रत्येक AMC में आमतौर पर कई म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं।
म्यूचुअल फंड में ही क्यों करे निवेश? (LIC Mutual Fund)
मैनेज करने में आसान: आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं। हालांकि सरकारी छुट्टी या रविवार को नहीं खरीद बेच सकते हैं।
कई विकल्प: म्यूचुअल फंड आपको कम निवेश में कई स्टाक और बांड लेने की सुविधा देता है। आप जिस म्यूचुअल फण्ड में निवेश करते हैं उस फण्ड में से किसी एक जगह पैसा नहीं लगाया जाता है। बल्कि अलग-अलग जगह निवेश किया जाता है।
कम फीस: म्यूचुअल फंड एक्सपेंस रेश्यो आमतौर पर आपके निवेश के 1.5-2.5% तक होता है। एक्सपेंस रेश्यो वो फीस होती है जिसे आप AMC को अपना फण्ड (निवेश) मैनेज करने के लिए देते हैं। यह इसलिए कम है क्योंकि एक म्यूचुअल फण्ड में कई लोग निवेश करते हैं और सब के बीच ये फीस बात जाती है।
पारदर्शिता: म्यूचुअल फंड सेक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) द्वारा रेगुलेट किए जाते हैं और उनके NAV (नेट एसेट वैल्यू) या कीमत का घोषणा प्रतिदिन के आधार पर की जाती है।
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