महाराष्ट्र सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने विभाग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित शिक्षा प्रदान करने वाले भारत और राज्य के पहले विश्वविद्यालय में स्नातक तथा स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के संचालन को अंतिम मंजूरी दे दी है। विभाग द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, मुंबई के नजदीक कर्जत में यूनिवर्सल एआई यूनिवर्सिटी में कामकाज की शुरुआत हो चुकी है।यूनिवर्सल एआई यूनिवर्सिटी छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में स्नातक तथा स्नातकोत्तर की विशेष शिक्षा प्रदान करने वाला भारत का पहला विश्वविद्यालय बन गया है। महाराष्ट्र सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने विभाग ने 25 जनवरी, 2023 को प्रारंभिक स्वीकृति पत्र जारी कर दिया था और अब विभाग ने इस विश्वविद्यालय के संचालन के लिए मंजूरी दे दी है। 1 अगस्त, 2023 से यूनिवर्सल एआई यूनिवर्सिटी में पहले शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत होगी। एआई पर आधारित शिक्षा के लिए समर्पित देश के पहले विश्वविद्यालय के रूप में, हाल ही में स्थापित यूनिवर्सल एआई यूनिवर्सिटी में छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में विशेष रूप से डिजाइन किए गए पाठ्यक्रमों की पेशकश की जाएगी। यूनिवर्सिटी ने एआई तथा भविष्य की टेक्नोलॉजी में विशेष अंडर-ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट प्रोग्राम तैयार किए हैं। इस यूनिवर्सिटी ने नए जमाने के दूसरे कोर्स भी डिजाइन किए हैं, जिनमें लिबरल आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज, ग्लोबल अफेयर्स एंड डिप्लोमेसी, लॉ, एनवायरनमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी एंड स्पोर्ट्स साइंसेज शामिल हैं। महाराष्ट्र में मुंबई के निकट कर्जत में एक हरित परिसर में इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। विश्वविद्यालय में संचालन कार्यों के शुभारंभ की घोषणा के बारे में बताते हुए, प्रो. तरुणदीप सिंह आनंद, कुलपति एवं संस्थापक, यूनिवर्सल एआई यूनिवर्सिटी, ने कहा, “एआई की शिक्षा के लिए समर्पित भारत और महाराष्ट्र का पहला एआई विश्वविद्यालय छात्रों को विभिन्न प्रकार के सार्वभौमिक कौशल सिखाएगा, और इस तरह यह विश्वविद्यालय 21वीं सदी में देश के साथ-साथ राज्य की प्रगति एवं विकास को प्रोत्साहन देगा। इसके अलावा, यह विश्वविद्यालय नई एआई टेक्नोलॉजी को विकसित करने वाले महत्वपूर्ण शोध केंद्र की भूमिका निभाएगा, जिससे आर्थिक और तकनीकी रूप से भारत को काफी फायदा मिलेगा। दुनिया ऑटोमेशन और डिजिटल तकनीकों को अपनाने की दिशा में बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है, और इसी वजह से किसी देश के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए एआई शिक्षा एवं शोध सबसे ज्यादा मायने रखती है।” भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत, सरकार देश के युवाओं के लिए कौशल उन्मुख पाठ्यक्रमों की शुरुआत के लिए प्रयासरत है, और इस लिहाज से देखा जाए तो 2035 तक व्यावसायिक या उच्च शिक्षा की डिग्री हासिल करने वाले छात्रों की संख्या में 500 मिलियन की वृद्धि होगी। प्रोफेसर आनंद ने आगे कहा कि, फिलहाल देखा जाए तो पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत में आई के क्षेत्र में असीमित संभावनाएँ मौजूद हैं। सरकार की नीतियाँ भी मददगार हैं। दुनिया के बेहतरीन शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देकर हम एआई में विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों की पेशकश करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, जिसके बाद पूरी दुनिया में छात्रों के लिए करियर की असीमित संभावनाओं के द्वार खुल जाएंगे।
महाराष्ट्र सरकार ने कर्जत में भारत में एआई की शिक्षा के लिए समर्पित पहली एआई यूनिवर्सिटी को दी अंतिम मंजूरी

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