Mahuli Group Temple
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण (एनएमए) जल्दी ही माहुली समूह के मंदिरों के व्यापक विकास पर रिपोर्ट संस्कृति मंत्रालय को सौंपने वाला है। एनएमए अध्यक्ष तरुण विजय ने महुली (सतारा) में मराठा रानियों रानी ताराबाई भोंसले और रानी येशो बाई भोंसले की समाधि की स्थिति देखने के लिए दौरा किया है। इस दौरे में उनके साथ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के वरिष्ठ अधिकारी गजानन मंडावारे और प्रसिद्ध मराठा इतिहासकार मोहन शेटे मौजूद थे। यह जानकारी संस्कृति मंत्रालय ने दी।
मंदिरों के समूह को जाना जाता है दक्षिणी काशी
दरअसल, महाराष्ट्र के सतारा माहुली में पांच मंदिरों का समूह है। यह पांच मंदिर 11वीं और 12वीं सदी से संबंधित हैं और इन मंदिरों के समूह को दक्षिण काशी के नाम से जाना जाता है, जो वास्तुकला की हेमाडपंथी शैली में निर्मित हैं।
मराठा रानियों का हतिहास है युवाओं के लिए प्रेरणादायक
इस दौरे के दौरान एनएमए अध्यक्ष तरुण विजय ने कहा कि महारानी ताराबाई का भारत की स्वतंत्रता और मुगलों को विफल करने में उनके साहसी शासन का अपार योगदान है। यह योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए उनकी स्मृति को संरक्षित किया जाना चाहिए। इस संबंध में महाराष्ट्र के नवनिर्मित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फण्डवीस का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करेंगे। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त कदम से इसे बड़े पैमाने को संरक्षित व विकसित किया जा सकता है।
इन इलाकों को भी हुआ दौरा
इसके अलावा एनएमए अध्यक्ष तरुण विजय रामटेक मंदिर समूह, अंबाला गेट, सिंदूरी बावली, मानसर बौद्ध स्तूप का भी दौरा किया। वह केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी को एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे और केंद्रीय संरक्षित स्मारकों की सूची में कृष्णा नदी के तट पर रामटेक और महुली समूह के मंदिरों को शामिल करने और महारानी ताराबाई और येशुबाई की समाधियों को उचित तरीके से विकसित करने में मदद करने की सिफारिश करेंगे।
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